हर कोई अपने पसंदीदा लम्हों को कैमरे में कैद कर लेना चाहता है, लेकिन हर वक्त आपके पास कैमरा मौजूद होने की संभावना भी बेहद कम होती है। ऐसे में आपका स्मार्टफोन कैमरे की भूमिका निभाता है। आज की तारीख में कई यूज़र स्मार्टफोन खरीदने से पहले उसके कैमरे के बारे में अच्छा खासा रिसर्च करते हैं। मार्केट में तो कई हाई-एंड डिवाइस मौजूद हैं जो शानदार कैमरे के साथ आते हैं। पर यह भी जरूरी नहीं कि हर यूज़र के पास इन हाई-एंड डिवाइस को खरीदने का बजट हो। अगर बजट रेंज में शानदार कैमरा वाले फोन मिल जाएं तो कस्टमर की तो चांदी ही चांदी है।
अगर स्मार्टफोन खरीदने के पीछे अच्छा कैमरा ही मकसद है तो रिजॉल्यूशन, रियर कैमरा, फ्रंट कैमरा, एलईडी फ्लैश, ऑटोफोकस, बर्स्ट मोड, इमेज स्टेबलाइजेशन और वीडियो रिकॉर्डिंग के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेना जरूरी होता है। वैसे तो कई कंपनियों का ऐसा दावा रहा है कि उनके डिवाइस का कैमरा ऐप सबसे शानदार है। लेकिन हमने 10,000 रुपये के रेंज में आपके लिए बेहतरीन कैमरा फोन सुझाने की कोशिश की है।
यू यूरेका प्लसयू यूरेका प्लस (
रिव्यू) स्मार्टफोन में 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है और 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा। रिव्यू करने के दौरान हमने पाया कि आईएमएक्स214 सेंसर की बदौलत इस हैंडसेट से बेहतर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की उम्मीद की जा सकती है। इसमें एचडीआर फोटो और वीडियो के लिए सपोर्ट भी शामिल है।
यू यूरेका प्लस का कैमरा अच्छा है। यह डिटेल्ड और शार्प तस्वीरें लेता है। कलर्स काफी वाइब्रेंट हैं। तस्वीरों में कमी निकालने के लिए आपको डेस्कटॉप पर उसे ज़ूम करके देखना पड़ेगा। एचडीआर मोड के रिजल्ट बेहतरीन थे। हमने आम तौर पर एचडीआर मोड में शूट करना पसंद किया क्योंकि इसका असर बहुत सूक्ष्म था पर यह आंखों को साफ नज़र आता था। वीडियो आम तौर पर अच्छे थे और क्लोज़ अप शॉट भी। हालांकि, कम रोशनी में रिजल्ट उतने बेहतर नहीं आए। कैमरा ऐप यूज़र फ्रेंडली है। सेटिंग्स आइकन ने स्क्रीन का छोटा हिस्सा लिया। वीडियो, फोटो और पनोरमा शॉट के लिए बटन बने हैं। साथ में फ्लैश सेलेक्टर भी है। इसका डिजाइन बेहतरीन है, इस वजह से कैमरे को इस्तेमाल करना आसान हो जाता है।
हुवावे हॉनर 4सीहॉनर 4सी का 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा बेहद ही तेजी से काम करने वाला ऐप है। यह फोकस करने में कम वक्त लागता है और अच्छे डिटेल के साथ फोटो कैपचर करने में कामयाब होता है। नेचुरल कलर आंखों को भांते हैं। हमें रिव्यू के दौरान फोटो के ब्लर होने की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। कैमरे की परफॉर्मेंस बेहद ही अच्छी है। कम रोशनी में ली गई तस्वीरें शानदार तो नहीं हैं पर खराब भी नहीं। इस कैमरे से यूज़र 1080 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन के वीडियो रिकॉर्ड कर पाएंगे। स्मार्टफोन में मौजूद 5 मेगापिक्सल के फ्रंट कैमरे से ली गई तस्वीरों में अच्छे डिटेल मौजूद रहते हैं।
शाओमी रेडमी 2 प्राइमशाओमी रेडमी 2 प्राइम हैंडसेट में 8 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है और 2 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा। हैंडसेट का कैमरा हमें रिव्यू के दौरान पसंद आया। ऑटोफोकस हमेशा तेजी से काम नहीं करता था, लेकिन बजट फोन होने के बावजूद इसकी तस्वीर की क्वालिटी शानदार थी। नेचुरल और आर्टिफिशिल ऑब्जेक्ट के टेक्सचर शानदार आए। रात में ली गई तस्वीरों की क्वालिटी उतनी अच्छी नहीं थी, खासकर दूर के ऑब्जेक्ट की फोटो में। कुल मिलाकर इसकी कीमत को देखते हुए यह एक शानदार फोन है।
इन तीनों स्मार्टफोन के अलावा दो हैंडसेट ऐसे हैं जिसके बारे में आप विचार कर सकते हैं। दैनिक इस्तेमाल में इन स्मार्टफोन की भी परफॉर्मेंस अच्छी रही।
कूलपैड डेज़न 1कूलपैड डेज़न 1 में 8 मेगापिक्सल का रियर और 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है। हम इस स्मार्टफोन के कैमरे की परफॉर्मेंस से भी हम बेहद खुश हुए। तेज धूप में ली गई तस्वीरें थोड़ी वाश्ड आउट थीं, लेकिन इनमें डिटेल की कोई कमी नहीं थी। कम रोशनी में ली गई तस्वीरें बेहद ही शानदार थीं, खासकर जब आसपास स्ट्रीटलैंप जैसा रोशनी का स्रोत मौजूद हो। कैमरे से ली गई तस्वीरों में नॉयज की कमी थी, हालांकि नॉयज रिडक्शन प्रोसेस के कारण कलर और टेक्सचर को नुकसान पहुंचता है। फोटो फोन के स्क्रीन पर तो शानदार नज़र आए लेकिन कंप्यूटर स्क्रीन पर देखने में कमी साफ झलकती है। इसके बावजूद हम कैमरे के आउटपुट से संतुष्ट हैं। इसके कैमरे का ऑटोफोकस और मैनुअली टैप करके फोकस करने वाला फ़ीचर तेजी से काम करता है। कैमरा ऐप में एक प्रो मोड मौजूद है जो आपको व्हाइट बैलेंस, आईएसओ और एक्सपोज़र मैनेज करने का विकल्प देता है। फ्रंट कैमरा भी अच्छे से काम करता है। इसमें एक स्लाइडर मौजूद है जिससे यूज़र ब्यूटिफिकेशन का स्तर तय कर सकते हैं। इसके अलावा कैमरा ऐप में कई सामान्य फ़ीचर के साथ एचडीआर भी मौजूद है।
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रिव्यू) में 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है और 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा। कैमरे ने कभी निराश किया तो कभी खुश। कैमरे की प्लेसमेंट रियर हिस्से के एक कोने में है। कई बार फोटो लेते वक्त हमने पाया कि हमारी ऊंगलियां लेंस के सामने आ जाती थीं। इस कारण से हमें फोन को इसके किनारे पर पकड़े रहना पड़ता था। लाइटिंग का असर कैमरे से लिए फोटो पर साफ दिखा। बरसात के दिनों में ली गई तस्वीरें पूरी रोशनी में लिए गए फोटो के जितनी अच्छी नहीं थी। हमने जब फोटो को फुल साइज़ में रिव्यू किया तो डिटेलिंग की कमी साफ़ झलकी। हालांकि फोन के स्क्रीन पर तस्वीरें शानदार लग रही थीं। कलर्स आमतौर पर अच्छे थे। दूर की तस्वीरों की तुलना में क्लोजअप शॉट्स बेहतर आए।
वैसे, यह सब हमारी ओर से सुझाव हैं। मार्केट में कई और डिवाइस मौजूद हैं जिसके कैमरा परफॉर्मेंस से आप खुश होंगे।