Zypp Electric डिलीवरी कंपनी ने Alt Mobility से लीज पर 15,000 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स लीज पर लिए हैं। यह साझेदारी चालू वित्त वर्ष में Zypp का बेड़ा तीन गुना बढ़ाएगी और ई-बाइक डिलीवरी को सुविधाजनक बनाने में मदद करेगी। इसके अलावा इससे सालाना तौर पर 18 मिलियन किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
समाचार एजेंसी PTI के
अनुसार, स्वामित्व की कम कुल लागत और केंद्र और राज्य सरकारों के दबाव के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी आई है। दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर योजना के दिल्ली सरकार के हालिया मसौदे में यात्री परिवहन सेवाएं और लास्ट मील डिलीवरी प्रदान करने वाले कमर्शियल फ्लीट के पहले छह महीनों में 10 प्रतिशत, पहले वर्ष में 25 प्रतिशत, दो साल के भीतर 50 प्रतिशत और 2030 तक 100 प्रतिशत तक ट्रांजीशन अनिवार्य है।
रिपोर्ट कहती है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल लीजिंग Zypp और अन्य B2B लॉजिस्टिक कंपनियों और एग्रीगेटर्स के लिए कमर्शियल फ्लीट इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए सबसे अच्छा समाधान है। इसके पीछे का कारण यह है कि लीज पर वाहन लेने के चलते कंपनियों को पूरी फ्लीट को रिप्लेस करने के लिए व्यापक पूंजी की आवश्यकता नहीं होती है।
इतना ही नहीं, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी को लेकर जोखिम, एसेट परफॉर्मेंस की अनिश्चितता और लोन की अवधि के दौरान अवशिष्ट मूल्य के बारे में आशंकाओं के कारण, इस क्षेत्र में अभी तक बैंकों और वित्तीय संस्थानों की भागीदारी नहीं देखी गई है। यह अनुमान है कि भारत के कमर्शियल फ्लीट ट्रांजीशन की ओर बढ़ने के लिए 5 लाख करोड़ रुपये जुटाने की आवश्यकता होगी।
Zypp की सह-संस्थापक और CBO राशी अग्रवाल ने कहा, "हम भारत में इंट्रा-सिटी डिलीवरी के लिए कुशल और टिकाऊ परिवहन बनाने के मिशन पर हैं। Alt के साथ हमारी साझेदारी हमारी प्रतिबद्धता में एक बड़ा कदम है और हमें एसेट की तरफ हल्का रहने में सक्षम बनाती है, जबकि [साथ ही] ब्लिट्ज हमारे राष्ट्रव्यापी विस्तार को बढ़ा रहा है।"