अक्सर लोगों के साथ ऐसा हो जाता है कि कैब या अन्य राइड पर ड्राइवर ने ज्यादा पैसे चार्ज कर लिए। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें ऐसा करने पर कंपनी को तगड़ा जुर्माना देना पड़ा। चंडीगढ़ के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने Uber इंडिया पर 28 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, क्योंकि उनके ड्राइवर ने चंडीगढ़ में राइड के लिए एक ग्राहक से 27 रुपये ज्यादा लिए थे।
कमीशन ने
उबर इंडिया को शिकायत करने वाले ऋत्विक गर्ग को 27 रुपये वापस करने, जो उससे अधिक लिया गया था, साथ ही 5 हजार रुपये मुआवजे के तौर पर और 3 हजार रुपये मुकदमे की लागत के तौर पर देने का निर्देश दिया। कमीशन ने कहा कि "ऐसे सर्विस प्रोवाइडर पर नजर रखने के लिए सख्ती से निपटने की जरूरत है जो समय पर वादों, भरोसों और प्रतिबद्धताओं को तोड़ते हैं।" शिकायत करने वाले को मुआवजे और मुकदमे में खर्च के तौर देने वाली राशि के अलावा कमीशन के उपभोक्ता कानूनी सहायता खाते में मुआवजे के तौर पर कम से कम 20,000 रुपये जमा करने होंगे।
पंजाब में मंडी गोबिंदगढ़ के रहने वाले ऋत्विक गर्ग ने कहा कि 19 सितंबर, 2022 को उन्होंने उबर ऐप के जरिए उबर कैब सर्विस के साथ सेक्टर 21ए, चंडीगढ़ से मॉडर्न हाउसिंग कॉम्प्लेक्स सेक्टर 13, चंडीगढ़ तक एक मोटो कनेक्ट राइड बुक की थी।
राइड के लिए कैब ड्राइवर का नाम कैलाश था और और बुकिंग के समय किराया लगभग 53 रुपये दिखाया गया था, लेकिन ड्राइवर ने राइड खत्म होने पर 80 रुपये ले लिए। गर्ग ने कहा कि उन्होंने 22 सितंबर, 2022 को कानूनी नोटिस भेजकर और फिर मेल करके उबर इंडिया के सामने इस मामले को रखा लेकिन उनकी शिकायत का समाधान नहीं मिला। बाद में शिकायत को आगे बढ़ाया गया और कमीशन ने मामले की सुनवाई करते हुए रिकॉर्ड देखने के बाद कहा कि यह पूरी तरह से साफ है कि उबर इंडिया के नोटिस में है कि शिकायत करने वाले यूजर से 27 रुपये ज्यादा वसूले गए थे, लेकिन इस मामले में ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उबर इंडिया द्वारा कोई जांच रिपोर्ट रिकॉर्ड पर नहीं रखी गई थी।
कमीशन की सलाह है कि इस प्रकार के वाहन के ड्राइवर की सर्विस लेने से पहले यह जानना उबर इंडिया का दायित्व है कि उसका व्यवहार सामान्य है और आक्रामक तो नहीं है। उबर इंडिया को ऐसे ड्राइवर को कुछ ट्रेनिंग देनी चाहिए या कुछ नियम बनाना चाहिए। आगे कहा गयाय कि शिकायत करने वाला या कोई अन्य व्यक्ति उबर और उसके ड्राइवरों के बीच कॉन्ट्रैक्ट की जटिलता को नहीं जानता है। कमीशन ने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति किसी जानी-मानी या ब्रांडेड कंपनी के जरिए ऑनलाइन सर्विस का लाभ उठाता है तो वह उस ब्रांडेड कंपनी के साथ जुड़ता है न कि ब्रांडेड सर्विस प्रोवाइडर के पीछे साझेदार के साथ जुड़ता है।