भारत में किसी अविवाहित जोड़े के लिए होटल में कमरा किराये पर लेना बेहद ही मुश्किल है। ज्यादातर मौकों पर होटल के रिसेप्शन पर बिना किसी सवाल-जवाब के ना ही सुनने को मिलता है। लेकिन इस समस्या का निपटाने का बीड़ा एक स्टार्टअप ने उठाया है।
दिल्ली के स्टार्टअप 'स्टेअंकल' के वेब होमपेज पर टैगलाइन लिखा है, ''कपल्स नीड रूम, नोट ए जजमेंट।'' इस स्टार्टअप की कोशिश विवाह से पहले शारीरिक संबंध को मान्यता नहीं देने वाली सोच को बदलनी है।
2014 में ब्लेज़ अरिज़ेनोव, नंदी कुमार सिंह और संचित सेट्ठी द्वारा शुरू किएगए इस स्टार्टअप ने किसी आम ट्रैवल बुकिंग प्लेटफॉर्म के तौर पर शुरुआत की थी। हालांकि, सितंबर 2015 में खुद को अविवाहित जोड़ों की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बिजनेस करना शुरू कर दिया। इसकी वेबसाइट पर दिल्ली-एनसीआर और मुबंई में प्रेमी युगल के लिए उपयुक्त होटलों को लिस्ट किया गया है।
अगर हम किसी ऑनलाइन फॉरम पर जाते हैं तो ज्यादातर अविवाहित जोड़ों की यही शिकायत होती है कि उन्हें होटल में कमरा किराये लेने पर दिक्कत होती है। अगर जोड़ा उसी शहर का है तो ज्यादातर होटल वाले बिना कोई सवाल पूछे लौटा देते हैं। वैसे, चार या पांच सितारा होटलों में ऐसा नहीं होता है।
स्टेअंकल की वेबसाइट पर एफएक्यू में लिखा है, "आप किसी भी शहर के होकर उसी शहर में कमरा बुक कर सकते हैं। कानून के हिसाब से यह प्रतिबंधित नहीं है। भारत में कोई भी कानून किसी जोड़े को रातभर के लिए होटल बुक करने से नहीं रोकता।
'स्टेअंकल' के अरिज़नोव ने गैजेट्स 360 को बताया कि अगले कुछ महीने में चेन्नई, कोलकाता और बंगलुरू को भी जोड़ने की योजना है। और आने वाले दिनों टियर 1 के सभी शहरों के ऐसे ही होटल वेबसाइट पर लिस्ट कर दिए जाएंगे।
स्टेअंकल प्लेटफॉर्म के जरिए यूज़र होटल में कमरे बुक कर सकते हैं। और आपको पूरे दिन के लिए बुक करने की भी ज़रूरत नहीं। यूज़र सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे, या रात 9 बजे से सुबह 8 बजे तक के लिए कमरा बुक कर सकते हैं। स्टेअंकल पर लिस्ट किए गए होटल 3-5 स्टार वाले हैं। इस स्टार्ट अप का दावा है कि इन होटल में सुरक्षा और अतिथि-सत्कार के स्तर की लगातार जांच की जाती है।
कंपनी ने सार्वजनिक तौर पर बताया है कि होटल के साथ पार्टनरशिप करने से पहले किन-किन बातों का ख्याल रखा जाता है। यूज़र ऑनलाइन या फिर व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करके कमरा बुक करा सकते हैं।
कंपनी की योजना जल्द ही ऐप भी लॉन्च करने की है। हालांकि, इसके लिए कंपनी को पैसे की ज़रूरत है।