एक उपभोक्ता होने के नाते हम और आपको कभी न कभी कस्टमर सर्विस की आवश्यकता जरूर पड़ी होगी। यानि कि अगर हम किसी कंपनी का प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे हैं, मसलन, एसी, टीवी, फ्रिज या अन्य कोई भी उपकरण या प्रोडक्ट, तो उसमें जब कोई खराबी आ जाती है तो हमें सबसे पहले कस्टमर केयर पर कॉल करने की बात सूझती है, ताकि समस्या का समाधान मिल सके या फिर किसी इंजीनियर को उसे रिपेयर के लिए बुला सकें। लेकिन क्या आपको पता है कि ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले लोगों ने इंटरनेट पर 30 हजार से ज्यादा फेक यानि नकली कस्टमर केयर नम्बर डाले हुए हैं! जी हां, एक ताजा रिपोर्ट ऐसा ही चौंकाने वाला खुलासा कर रही है। हम आपको पूरी जानकारी इस बारे में दे रहे हैं।
साइबर सुरक्षा से जुड़ी एक कंपनी, जो साइबर हमलों की आशंका का अनुमान लगाती है, ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि इंटरनेट पर कस्टमर सर्विस के लिए 31 हजार के लगभग फेक फोन नम्बर या कॉन्टेक्ट नम्बर डाले गए हैं।
CloudSEK की इस
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये नम्बर कस्टमर्स को धोखा देने, गुमराह करने और
ऑनलाइन फ्रॉड करने के मकसद से डाले गए हैं। XVigil रिस्क मॉनिटरिगं प्लेटफॉर्म ने इसका पता लगाया है और बताया है कि 31,179 नम्बर ऐसे हैं जो फेक हैं।
यहां पर एक चौंकाने वाली बात ये भी सामने आई है कि ये 31 हजार से ज्यादा फ्रॉड नम्बर पिछले 2 सालों से एक्टिव भी हैं। यानि कि न जाने अब तक कितने ही कस्टमर्स इनके जाल में फंस चुके होंगे। इनमें से 56% नम्बर भारत के हैं जबकि बाकी बचे नम्बर गैर भारतीय नम्बर हैं। जो भारतीय नम्बर पाए गए हैं, उनमें से लगभग 80% नम्बर सक्रिय हैं और अभी भी चालू हैं।
इस रिपोर्ट का डेटा बताता है कि इन नम्बरों से जो डोमेन (वेबसाइट एड्रेस) जुड़े हैं, उनमें से 39.4% का टारगेट बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर है, 31.2% टेलीकम्यूनिकेशन से जुड़े हैं। जबकि 9.9 प्रतिशत हेल्थकेयर से जुड़े हैं। रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने 20 हजार भारतीय मोबाइल नम्बरों का सैम्पल खंगाला है जिनको ठगों ने कस्टमर केयर स्कैम में इस्तेमाल किया है। रिपोर्ट कहती है कि भारत में कोई भी बड़ा टेलीकॉम ऑपरेटर इन
स्कैमर से अछूता नहीं रह गया है।