Kamaladevi Chattopadhyay को Google Doodle पर इस वजह से किया गया याद

मंगलवार को डूडल ने याद किया है भारतीय स्वतंत्रता सैनानी र महिला अधिकारों के लिए लड़ने वालीं महान कार्यकर्ता कमलादेवी चट्टोपाध्याय को।

Kamaladevi Chattopadhyay को Google Doodle पर इस वजह से किया गया याद

kamaladevi chattopadhyay Google Doodle

ख़ास बातें
  • Google डूडल ने याद किया महान समाज सेविका कमलादेवी चट्टोपाध्याय को
  • भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और महिला अधिकारों के लिए हमेशा रहती थीं सक्रिय
  • रंगारंग डिज़ाइन वाले डूडल ने कमलादेवी के विभिन्न किरदारों को दर्शाया
विज्ञापन
Google डूडल के माध्यम से जन्मदिन, जयंती, पुण्यतिथियां व प्रमुख दिवसों को खास तौर से मनाती है। मंगलवार को डूडल ने याद किया है भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और महिला अधिकारों के लिए लड़ने वालीं महान कार्यकर्ता कमलादेवी चट्टोपाध्याय को। आज उनकी 115वीं जयंती है। रंगारंग डिज़ाइन वाले डूडल ने आज कमलादेवी के विभिन्न किरदारों को दर्शाया है। संस्कृति को लेकर भी कमलादेवी के योगदान की झलक आज के Google डूडल में देखी जा सकती है।

आज के Google Doodle के बारे में विस्तार से बात करें तो Kamaladevi Chattopadhyay ने आज़ादी के बाद भारतीय हथकरघा और रंगमंच में नई जान फूंकने का काम किया था। आज भारत में परफॉर्मिंग आर्ट से जुड़े कई संस्थान कमलादेवी की सोच का ही नतीजा हैं। इनमें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, संगीत नाटक एकेडमी, सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज इम्पोरियम और क्राफ्ट काउंसिल ऑफ इंडिया शामिल हैं।

Google Doodle की आज की हस्ती कमलादेवी ने फिल्मों में भी हाथ आजमाया था। वे दो साइलेंट (मूक) फिल्मों में नजर आई थीं।  इसमें से एक कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की पहली साइलेंट फिल्म थी। इसका नाथ था 'मृच्छकटिका (1931), लेकिन लंबे समय बाद वे एक बार फिल्मों में नजर आईं। वे 'तानसेन' फिल्म में के.एल. सहगल और खुर्शीद के साथ नजर आईं। उसके बाद कमलादेवी ने 'शंकर पार्वती (1943)' और 'धन्ना भगत (1945)' जैसी फिल्में भी की।

Kamaladevi Chattopadhyay पति हरेंद्रनाथ चट्टोपाध्याय के साथ लंदन चली गई थीं लेकिन जब 1923 में उन्हें गांधीजी के असहयोग आंदोलन के बारे में पता चला तो वे भारत आ गईं और आजादी के आंदोलन में कूद पड़ीं। उन्होंने गांधीजी के नमक सत्याग्रह में भी हिस्सा लिया था। हालांकि हरेंद्रनाथ से उनका तलाक हो गया था। आजादी के बाद देश का विभाजन हो गया था, और शरणार्थियों को बसाने के लिए जगह की तलाश थी, उस समय कमलादेवी ने गांधीजी से अनुमति लेकर टाउनशिप बसाने का जिम्मा लिया और बापू ने कहा था कि तुम्हें सरकार की कोई मदद नहीं लेनी होगी। इस तरह फरीदाबाद सामने आया जहां 50,000 शरणार्थियों को रहने की जगह मिली। इसे सहकारिता की संकल्पना पर स्थापित किया गया था।

Google Doodle में आज गूगल तो लिखा ही है, लेकिन बीच में कमलादेवी की तस्वीर बनाई गई है। बायीं ओर सितारवादन और संगीत में लीन और दायीं ओर उनका हथकरघा क्षेत्र में योगदान दर्शाया गया है।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Lenovo का  Yoga Tab Plus जल्द होगा भारत में लॉन्च, 10,200mAh की बैटरी
  2. Rs 5,000 में 5G फोन! 8 जुलाई को मार्केट में उतर रहा AI+, लॉन्च होंगे 2 स्मार्टफोन
  3. iPhone 17 में भी मिलेगा बड़ा डिस्प्ले और 120Hz रिफ्रेश रेट, लेकिन ये फीचर रहेगा गायब!
  4. 12GB RAM वाले स्मार्टफोन की है तलाश तो Realme P3 Ultra 5G, Poco F7 5G से लेकर iQOO Neo 10 जैसे 5 फोन रहेंगे बेस्ट
  5. Tata Motors की Harrier EV को Bharat NCAP क्रैश टेस्ट में मिले 5 स्टार्स
  6. Samsung के Galaxy Z Fold 7, Z Flip 7 के साथ पेश हो सकता है ट्रिपल-फोल्ड स्मार्टफोन
  7. BSNL की फ्लैश सेल में सिर्फ 1 रुपये में मिलेगा 1 GB डेटा
  8. Infinix ने लॉन्च किया Hot 60i, MediaTek Helio G81 Ultimate चिपसेट
  9. Tata Motors ने लॉन्च किया Harrier EV का Stealth Edition, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  10. Honor के Magic V5 में होगा 64 मेगापिक्सल पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा, 2 जुलाई को लॉन्च
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »