Bitcoin माइनिंग पर बैन के बाद ईरान ने फिर उठाया यह कदम!

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अपनी सरकार से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए एक रूपरेखा पर काम शुरू करने के लिए कहा है।

Bitcoin माइनिंग पर बैन के बाद ईरान ने फिर उठाया यह कदम!

मई महीने में ईरान ने चार महीने के लिए बिटकॉइन खनन पर लगा दिया है पूर्ण प्रतिबंध।

ख़ास बातें
  • बिटकॉइन को रेगुलेट करने की दिशा में ईरान ने शुरू की कवायद।
  • अल साल्वाडोर लीगल टेंडर के रूप में बिटकॉइन को कर चुका है स्वीकार।
  • विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद बिटकॉइन को लेकर गंभीर है ईरान।
विज्ञापन
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को अनिश्चितताओं का बाजार कहा जाता है। बावजूद इसके दुनिया के अलग अलग देश डिजिटल करेंसी को लेकर अब गंभीर होने लगे हैं। अब ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अपनी सरकार से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए एक रूपरेखा पर काम शुरू करने के लिए कहा है। उनका मानना ​​​​है कि कानूनों और नियमों के बारे में स्पष्ट कम्यूनिकेशन का होना बेईमान क्रिप्टो व्यवसायों को हतोत्साहित करने में मदद करेगा, जो अब तक बेधड़क चलते आ रहे थे। जबकि ईरान ने बिजली की कमी के कारण इस साल चार महीने के लिए बिटकॉइन माइनिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।

ज्ञात हो कि अभी हाल ही में अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकार किया है। हालांकि अमेरिकन डॉलर का उपयोग भी देश में इसके लिए जारी रहेगा मगर बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकार करने वाला साल्वाडोर पहला देश बन गया है। इससे संकेत मिलता है कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के लिए भविष्य में अपार संभावनाएं हैं। 11 जून को खबर लिखने तक भारत में बिटकॉइन की कीमत 27.2 लाख रुपये थी।  

अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध अधिनियम के माध्यम से अमेरिका के विरोधियों का मुकाबला करने वाला कानून CAATSA लगा दिया है। इससे अमेरिकन कंपनियां अब स्वीकृत संस्थाओं के साथ व्यापार नहीं कर सकती हैं। हालाँकि, आर्थिक प्रतिबंध ईरान को एक स्थान पर रखते हैं क्योंकि पश्चिम से संबद्ध कंपनियाँ इसे नकारने के लिए बाध्य हैं, जिससे एक लहर प्रभाव पैदा होता है जो ईरान के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। 

अब ईरान ने फिर से एक पहल की है। अमेरिकी डॉलर के माध्यम से व्यापार प्रतिबंधित होने के चलते यह देश मुख्य रूप से वैश्विक बैंकिंग प्रणाली से अलग हो जाता है। इस तरह की विषम परिस्थितियों के चलते भी ईरान ने क्रिप्टोकरेंसी क्रांति का दिल खोलकर स्वागत किया है। Elliptic की एक स्टडी के अनुसार ईरान का बिटकॉइन हैश रेट 4.5 प्रतिशत है। बिटकॉइन हैश रेट साधारणतया नेटवर्क की अच्छी बुरी स्थिति के बारे में बताने वाला एक पैमाना है। अधिक हैश रेट यानि नेटवर्क के अंदर अधिक प्रोसेसिंग पावर मौजूद है। उदाहरण के लिए चीन 55 प्रतिशत हैश रेट के साथ सबसे अग्रणी है और अमेरिका 11 प्रतिशत हैश रेट के साथ दूसरे स्थान पर है। 

बिटकॉइन माइनिंग के दैरान दिन रात हजारों की संख्या में कंप्यूटर मशीनों द्वारा जटिल समीकरणों पर काम चलता है जिससे इस प्रक्रिया में ऊर्जा खपत बहुत बढ़ जाती है। दो साल पहले चीनी खननकारियों को बड़े पैमाने पर ईरान में सेटअप के लिए प्रोत्साहित किया गया क्योंकि वहां पर बिजली काफी सस्ती थी। जुलाई 2020 से लेकर ईरान ने 50 बिटकॉइन माइनिंग कंपनियों को लाइसेंस दिए। मगर यह ज्यादा दिन तक चल नहीं पाया। ईरान में बिटकॉइन माइनिंग के चलते बिजली संकट गहराने लगा था। देश में अनियोजित ब्लैक आउट होने लगे और इसी कारण ईरानी सरकार ने बिटकॉइन माइनिंग पर इस साल मई महीने में चार महीने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया। मगर बावजूद इसके रिपोर्ट्स कहती हैं कि अवध रूप से यह खनन अभी भी जारी है।

राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि अवैध रूप से क्रिप्टोकरेंसी खनन कर रही कंपनियां 6 से 7 गुना तक ज्यादा बिजली खपत कर रही हैं। तेल भंडारण के मामले में ईरान विश्व में चौथे स्थान पर आता है। मगर इकोनॉमिक सेंक्शन के चलते यह इसका लाभ नहीं उठा सकता है। इसलिए इस ऊर्जा का इस्तेमाल देश ने बिटकॉइन की माइनिंग के लिए किया। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े:
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में TikTok पर बैन बरकरार, कंपनी ने अनुमति मिलने से किया इनकार
  2. Redmi 15 5G vs Tecno Pova 7 Pro vs Samsung Galaxy M36 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  3. Google Pixel 10 vs OnePlus 13 vs Samsung Galaxy S25 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  4. Gmail में किसी दूसरी भाषा में आया है ईमेल तो ऐसे करें तुरंत ट्रांसलेट, ऐप का ये फीचर ऐसे करता है काम
  5. Apple Watch नहीं होती तो क्या होता? हार्ट रेट अलर्ट के चलते ब्रेन ट्यूमर का पता चला, बच गई जान!
  6. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
  7. Realme P4 Pro 5G vs Vivo Y400 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: जानें 30 हजार में कौन है बेस्ट
  8. AI सुपरपावर रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर, लेकिन भारत ने चीन को पछाड़ा
  9. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  10. हाथ में iPad, बॉडी पर कैमरा, अब बिहार पुलिस बनेगी Digital Police! देखिए कैसे बदलेगा पूरा सिस्टम
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »