भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रह है और ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ भारत पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले कर रहा है। भारत भी जिसका भरपूर जवाब दे रहा है। टेक्नोलॉजी के इस दौरान में किसी देश को क्षति पहुंचाने के तरीके भी बदल गए हैं। ऐसे में भारत और उसके अहम संस्थानों पर साइबर सिक्योरिटी का खतरा हो सकता है, जिसके लिए ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के
अनुसार, अब भारतीय डिजिटल संस्थाओं पर साइबर अटैक से मुकाबला करने के लिए भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने वित्तीय संस्थानों और अन्य सेक्टर को अपनी साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। इस खतरे में सरकारी सिस्टम के अलावा प्राइवेट इंडस्ट्री भी शामिल हैं।
पहलगाम हमले के बाद से ही अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। सिर्फ सरकारी एजेंसी ही नहीं बल्कि प्राइवेट सेक्टर पर भी साइबर सिक्योरिटी को लेकर ध्यान रखना है।
CERT-In ने बैंकों और अन्य सेक्टर समेत वित्तीय क्षेत्रों के लिए सलाह जारी की है। इस बीच सरकार ने NASSCOM जैसे संस्थानों के साथ मिलकर एक बड़ा अलर्ट मैकेनिज्म तैयार किया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल ही में हुए अधिकतर साइबर अटैक में डिस्ट्रीब्यूटेड डिनाइल ऑफ सर्विस (DDoS) अटैक और भारतीय वेबसाइट को खराब करने के प्रयास किए गए थे। DDoS अटैक सर्वर पर ट्रैफिक बढ़ाकर वेबसाइट पर बाधा डाल सकते हैं, जिससे डाउनटाइम और फाइनेंशियल नुकसान होता है। राजनीति से प्रेरित मैसेज फैलाने के लिए वेबसाइट को हैक किया जा सकता है।
बीते महीने पाकिस्तान ने भारत में कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्टों की हत्या की थी, जिससे बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया और अब यह कदम उठाया गया है। आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अपने अहम इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए साइबर सिक्योरिटी मजबूत कर रहा है। ऐसे में खास ध्यान दिया जा रहा है कि इंडस्ट्री और स्ट्रैटजिक संस्थानों और संपत्तियों में बेहतर साइबर सिक्योरिटी नियमों को बनाए रखा जाए।