भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्टों की हत्या के बाद भारत ने बदला लेते हुए पाकिस्तान में कई आतंकवादी ठिकानों पर अटैक किया था। इसके बाद लगातार दोनों देशों ने एक दूसरे पर ड्रोन और मिसाइलों से भी हमले किए। ऐसे में देश की सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट ड्रिल के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। कभी भी सरकार इसकी घोषणा कर सकती है और नागरिकों को अपनी सुरक्षा के लिए इसका पूर्ण रूप से पालन करना होगा। आज के समय में गैजेट्स लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन गए हैं तो इनके बिना रहना काफी मुश्किल है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि ब्लैकआउट के वक्त अगर बहुत जरूरी हो तो उनका कैसे उपयोग किया जा सकता है।
आज के दौर में फोन जीवन का अहम हिस्सा बन गया है, लेकिन ब्लैकआउट जैसी स्थिति में रोशनी को बिलकुल खत्म करना होगा। स्मार्टफोन या टैबलेट या लैपटॉप जैसे डिवाइस को अपडेट के लिए उपयोग किया जा भी सकता है, लेकिन स्मार्ट टीवी या अन्य साउंड सेटअप या स्मार्टवॉच का उपयोग तो नहीं करना चाहिए।
ब्लैकआउट में स्मार्टफोन का कैसे करें उपयोग
ब्लैकआउट की स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से पावर कट कर दिया जाता है तो रोशनी नहीं होनी चाहिए। अगर आप स्मार्टफोन या टैबलेट उपयोग करने के बारे में सोच रहे हैं तो सबसे पहले उसकी ब्राइटनेस बिलकुल लो कर सकते हैं।
अगर जरूरी न हो तो आप स्मार्टफोन या टैबलेट का उपयोग बिना इंटरनेट यानी कि फ्लाइट मोड पर कर सकते हैं।
संघर्ष की स्थिति में सरकार की ओर से जारी किए जाने वाले अलर्ट या अपडेट भी बहुत ज्यादा जरूरी रहते हैं तो ऐसे में आप इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं।
स्मार्टफोन या टैबलेट जैसे डिवाइस को उपयोग करते वक्त आपको यह ध्यान देना है कि डिवाइस साइलेंट मोड या वाइब्रेशन मोड पर ही रहे, क्योंकि इस दौरान किसी भी प्रकार की आवाज से दुश्मनों को रिहायशी इलाकों की पहचान हो सकती है।