कई बार ऐसा होता है कि आपके इनबॉक्स में जरूरी ईमेल तो आते हैं, लेकिन किसी कारण से वे अपने आप ही स्पैम (spam) फोल्डर में चले जाते हैं। गूगल (Google) ने भी माना है कि जीमेल (Gmail) के पोस्टमास्टर टूल्स (Postmaster Tools) में ये प्रोब्लम है।
कंपनी ने गुरुवार को Gmail के लिए नया टूल लॉन्च किया। कंपनी ने बताया है कि इस टूल में गूगल सर्च (Google Search) और गूगल नाउ (Google Now) में इस्तेमाल होने वाले इंटेलिजेंस फीचर को यूज किया गया है, जिसके जरिए स्पैम ईमेल फिल्टर होंगे।
Google के मुताबिक, Gmail का Postmaster Tools ज्यादा ईमेल भेजने वाले यूज़र को भी अपने ईमेल एनलाइज़ करने का मौका देगा, जैसे कि डिलिवरी नहीं होने की वजह और स्पैम रिपोर्ट। कंपनी को लगता है कि नया टूल खामियों को दूर करने व सबसे सही तरीका जानने में मदद करेगा, और यह Gmail को भी ईमेल को सही फोल्डर में भेजने में मदद करेगा।
नए Postmaster Tools की घोषणा करते हुए गूगल के प्रोडक्ट मैनजर श्री हर्षा सोमांची ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "Gmail के यूज़र्स को बैंक और एयरलाइंस के कई महत्वपूर्ण ईमेल आते हैं, जैसे कि महीने का बिल, टिकट का रिसिप्ट। लेकिन कभी-कभार ये जरूरी मेल भी स्पैम फोल्डर में चले जाते हैं। जब ऐसा होता है, तो आपको जरूरी मेल को खोजने के लिए पूरा स्पैम फोल्डर खंगालना पड़ता है। हम ईमेल भेजने वालों की मदद करना चाहते हैं, इसलिए आज हम Gmail Postmaster Tools लॉन्च कर रहे हैं।"
गूगल ने बताया कि नया स्पैम फिल्टर एक आर्टिफिशियल न्यूट्रल नेटवर्क इस्तेमाल करके किसी स्पैम को पहचानेगा और ब्लॉक करेगा। जीमेल फिल्टर का नया वर्ज़न यह पहचान लेगा कि यूजर किस तरह के ईमेल पढ़ना पंसद करता है।
सोमांची ने कहा, "हम मानते हैं कि सभी इनबॉक्स एक जैसे नहीं हैं। हो सकता है कि आपका पड़ोसी ईमेल न्यूज़लेटर पसंद करे, जबकि आप उन्हें डिलीट कर देते हैं। मशीन लर्निंग में तकनीकी सुधार के जरिए स्पैम फिल्टर अब हर यूज़र की निजी प्रेफरेंसेज का ख्याल रख सकता है।
Gmail के लिए नए टूल को लॉन्च करते हुए कंपनी ने यह भी दावा किया कि किसी भी औसत जीमेल इनबॉक्स के 0.1 फीसदी ईमेल स्पैम होते हैं और जरूरी मेल के स्पैम फोल्डर में जाने की संख्या 0.05 प्रतिशत है।
कंपनी ने आगे कहा कि नया स्पैम फिल्टर ईमेल इमपर्सोनेशन को भी पहचान लेगा, जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए हो रहा है।