क्या आप जानते हैं कि आप और हम जो इंटरनेट चला रहे हैं उसके लिए दुनिया में हर साल अरबों लीटर पानी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे बारीकी से समझने के लिए पहले यह जान लीजिए कि दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों में से एक गूगल (Google) ने साल 2021 में दुनियाभर में अपने डेटा सेंटर्स पर 4 अरब गैलन से अधिक पानी का इस्तेमाल किया। इसमें से 3.3 अरब गैलन पानी अकेले अमेरिका में इस्तेमाल हुआ और बाकी 97.1 करोड़ गैलन पानी की खपत बाकी दुनिया में हुई। ये आंकड़े जाहिर तौर पर चौंकाने वाले हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, मीडिया आउटलेट ‘द ओरेगोनियन' (The Oregonian) ने अमेरिका के ओरेगन के द डेल्स (The Dalles) शहर से यह जानकारी मांगी थी कि इस क्षेत्र में Google डेटा सेंटर ने कितने पानी की खपत की है। यह कानूनी विवाद करीब 13 महीनों तक चला क्योंकि ‘द डेल्स' शहर का प्रशासन इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं करना चाहता था। आखिर खुलासा करना पड़ा। जानकारी में बताया गया है कि गूगल ने सिर्फ साल 2021 में 27 करोड़ 450 लाख गैलन पानी का इस्तेमाल किया। द डेल्स शहर के प्रशासन ने यह भी वादा किया है कि वह भविष्य में इस तरह के डेटा को और आसानी से उपलब्ध कराएगा।
आंकड़े बताते हैं कि साल 2012 के बाद से ‘द डेल्स' शहर में गूगल के डेटा सेंटर के लिए पानी की खपत तेजी से बढ़ी है। जानकारी के अनुसार, द डेल्स में गूगल का डेटा सेंटर शहर की कुल जलापूर्ति का एक चौथाई से ज्यादा हिस्सा इस्तेमाल कर रहा था।
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रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि गूगल ने साल 2021 में दुनियाभर में उसके डेटा केंद्रों में 4.3 अरब गैलन पानी का इस्तेमाल किया, जो 16 करोड़ लीटर से ज्यादा है। इस पानी का लगभग 80 फीसदी हिस्सा अकेले अमेरिका में यूज हुआ। खुद गूगल के आंकड़े बताते हैं कि उसके डेटा सेंटर्स में पानी की जितनी खपत हो रही है, वह अमेरिका के 29 गोल्फ कोर्स के बराबर है। दिलचस्प यह भी है कि इन आंकड़ों में समुद्र का पानी शामिल नहीं है।
डेटा सेंटर्स में पानी का क्या काम?
दुनियाभर के इंटरनेट सिस्टम को चलाने में सर्वर की भूमिका अहम होती है। सभी सर्वरों को डेटर में होस्ट किया जाता है। गूगल और दुनिया की बाकी बड़ी टेक कंपनियों के डेटा सेंटरों में हजारों की संख्या में सर्वर होते हैं। इन्हें ऑपरेट करने में बहुत ज्यादा बिजली खर्च होती है। इस वजह से ये बहुत हीट पैदा करते हैं। इन्हें ठंडा रखना जरूरी होता है। ऐसे में डेंटा सेंटर्स को ठंडा रखने के लिए पानी, एसी प्लांट आदि तरीकों को इस्तेमाल किया जाता है।