ताइवान की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी Gogoro ने भारत में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स और बैटरी टेक्नोलॉजी शुरू करने के लिए भारतीय टू-व्हीलर निर्माता कंपनी Hero MotorCorp के साथ समझौता किया है। दोनों कंपनियों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए इस साझेदारी की घोषणा की है। Gogoro अपने घरेलू बाज़ार में इलेक्ट्रिक स्कूटर और स्वैपेबल बैटरी सिस्टम के लिए जानी जाती है। अब भारत में हीरो मोटोकॉर्प गोरोगो की टेक्नोलॉजी के आधार पर इलेक्ट्रिक स्कूटर्स तैयार करेगी। इतना ही नहीं, हीरो भारत में गोरोगो के बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन भी खोलेगी।
Hero Moto Corp ने अपने
ट्विटर हैंडल पर ताइवानी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी Gorogo के साथ साझेदारी की घोषणा की, जिसे गोरोगो ने भी अपने
ट्विटर हैंडल पर साझा किया। दोनों कंपनियों ने भारत में ई-मोबिलिटी को आगे ले जाने के लिए साझेदारी की है, जिसके तहत Gorogo की टेक्नोलॉजी के आधार पर Hero देश में इलेक्ट्रिक स्कूटर्स (Electric Scooters) और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करेगी। भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेगमेंट में आगे बढ़ने की काफी क्षमता रखता है, लेकिन देश में यह सेगमेंट चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में स्वैपेबल बैटरी स्टेशन भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (Electric Two-Wheeler) सेगमेंट को नई दिशा दे सकते हैं।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की सबसे बड़ी कमी उनकी रेंज और चार्जिंग में लगने वाला समय होता है। बैटरी स्वैप करने के लिए बनाए गए स्टेशन में यूज़र अपनी खत्म हो चुकी बैटरी को चार्जिंग मशीन में रख कर अन्य फुल चार्ज बैटरी को स्कूटर में लगा सकता है। इससे चार्जिंग का समय बचता है और लोगों के मन में बीच रास्ते बैटरी खत्म होने का डर कम हो जाता है। यदि यह इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छी तरह से भारत में स्थापित हो जाता है, तो निश्चित तौर पर लोगों का इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स पर भरोसा बढ़ने की उम्मीद होगी।
Gogoro का कहना है कि अपने घरेलू बाज़ार में कंपनी ने 2,000 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन लगाए हैं, जिनके जरिए रोज़ाना लगभग 2,65,000 बैटरी बदली जाती हैं। भारत में नई कंपनियों के लिए पैर जमाना थोड़ा मुश्किल होता है और खास तौर पर यदि कंपनी पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर आधारित हो, लेकिन दुनिया भर में टू-व्हीलर सेगमेंट में राज करने वाली भारतीय कंपनी Hero के साथ साझेदारी Gorogo को अच्छी शुरुआत दिला सकती है।