नेट न्यूट्रैलिटी को लेकर बहस में फंसी सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक ने अपनी ‘फ्री बेसिक’ पहल का बचाव करते हुए कहा है कि एक अरब लोगों को ऑनलाइन लाने के लिए कई मॉडलों की जरूरत है।
इस महीने की शुरुआत में दूरसंचार नियामक ट्राई ने रिलायंस कम्युनिकेशंस से अलग-अलग शुल्क व्यवस्था मुद्दे का समाधान होने तक फेसबुक के मुफ्त इंटरनेट प्लेटफॉर्म फ्री बेसिक्स को स्थगित रखने को कहा था। इंटरनेट डॉट ओआरजी पर अपने पोस्ट में परियोजना का बचाव करते हुए कंपनी ने कहा, ‘‘हमें व्यवहारिक होने की जरूरत है और यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्यक्रम निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से क्रियान्वित हों।’’ इंटरनेट डॉट ओआरजी परियोजना को हाल ही में फ्री बेसिक्स नाम दिया गया है और यह सेवा इंटरनेट पेश करने के लक्ष्य के साथ उपयोक्ताओं को कुछ वेबसाइट और सेवाएं मुफ्त उपलब्ध कराती है।
फेसबुक ने इस संदर्भ में एयरसेल की अपने सभी ग्राहकों को मुफ्त इंटरनेट उपलब्ध कराने की योजना तथा मोजिला फाउंडेशन के समान रेटिंग के सुझावों का भी ज्रिक किया है।
कंपनी ने कहा, ‘‘ये दोनों सेवाएं अभी शुरू भी नहीं हुई हैं, ऐसे में इसे सफल कहना जल्दबाजी होगा।
हालांकि एयरसेल ने देश के कुछ भागों में मुफ्त इंटरनेट सेवाएं शुरू की है।
कंपनी ने कहा कि हाल में किये गये एक सर्वे में 86 प्रतिशत भारतीयों ने फ्री बेसिक्स का समर्थन किया और इसके पीछे विचार यह है कि हर कोई मूल इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच का हकदार है।
अपने पोस्ट में फेसबुक ने यह भी दावा किया है कि उसके केनेक्टिविटी प्रयासों से 1.5 करोड़ से अधिक लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं जबकि पहले वे इससे जुड़े नहीं थे।
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