Elon Musk देने जा रहा Jio को टक्कर!, सैटेलाइट इंटरनेट के लिए भारतीय नियमों पर जताई सहमति: रिपोर्ट

भारत में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस प्रदान करने के लिए Starlink को एक खास लाइसेंस की जरूरत होगी।

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Written by साजन चौहान, अपडेटेड: 12 नवंबर 2024 17:27 IST
ख़ास बातें
  • Starlink भारत में इंटरनेट प्रोवाइड करने के लिए उपलब्ध होने वाली है।
  • Starlink ने कुछ जरूरी सरकारी नियमों का पालन करने के सहमति जताई है।
  • Starlink को एक खास लाइसेंस की जरूरत होगी, जिसे GMPCS लाइसेंस कहा जाता है।

Starlink सैटेलाइट इंटरनेट उपलब्ध करवाती है।

Photo Credit: Pexels/SpaceX

एलन मस्क (Elon Musk) की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink कथित तौर पर भारत में इंटरनेट प्रोवाइड करने के लिए उपलब्ध होने वाली है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, Starlink कुछ जरूरी सरकारी नियमों का पालन करने के लिए सहमति जताते हुए भारत में काम करने के लिए तैयार होने वाली है। इन नियमों के तहत कंपनी को अपना सारा डाटा भारत के अंदर ही स्टोर करना होगा। सिक्योरिटी के लिए अगर जरूरी हो तो सरकारी एक्सेस की मंजूरी देनी होगी। 

भारत में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस प्रदान करने के लिए Starlink को एक खास लाइसेंस की जरूरत होगी, जिसे GMPCS लाइसेंस कहा जाता है। दूरसंचार विभाग (DoT) को यह लाइसेंस देने से पहले कंपनियों को सख्त डाटा लोकलाइजेशन नियमों को पूरा करने की जरूरत होती है। रिपोर्ट के अनुसार, Starlink इन नियमों का पालन करने के लिए तैयार हो गई है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक समझौता नहीं हुआ है।

आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिका में राष्ट्रपति चुवाव हुए, जिसमें एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रम्प का सपोर्ट किया है जो कि स्टारलिंक के ग्लोबल प्लान में मदद कर सकता है। ट्रम्प ने मस्क को अपने एडमिनिस्ट्रेशन में एक जिम्मेदारी देने का संकेत दिया है। इससे Starlink को फायदा होने की संभावना है, क्योंकि वह भारत समेत दुनिया भर में विस्तार करना चाहती है।

Starlink ने अक्टूबर 2022 में GMPCS लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था, वहीं अतिरिक्त अनुमति के लिए भारत के अंतरिक्ष नियामक, IN-SPACe में भी अप्लाई किया है। IN-SPACe ने हाल ही में Starlink और Amazon Kuiper को मंजूरी देने के लिए ज्यादा जानकारी प्रदान करने के लिए कहा। उसी दौरान एक अन्य नियामक TRAI सैटेलाइट स्पेक्ट्रम (रेडियो फ्रीक्वेंसी जो कंपनियों को स्पेस से इंटरनेट प्रोवाइड करने के लिए जरूरी है) के मूल्य निर्धारण और वितरण के नियमों पर काम कर रहा है। TRAI की आखिरी गाइडलाइन दिसंबर तक आने की उम्मीद है।

Reliance Jio, Bharti Airtel और Vodafone Idea जैसे भारतीय टेलीकॉम प्रोवाइडर को Starlink और अन्य इंटरनेशनल सैटेलाइट प्रोवाइडर्स से टक्कर मिलेगी। उनका कहना है कि इन कंपनियों को निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा साफ करने के लिए नीलामी के जरिए स्पेक्ट्रम खरीदना चाहिए, खासकर शहरी क्षेत्रों में जहां सैटेलाइट इंटरनेट सीधे मोबाइल इंटरनेट से टक्कर लेगा। Starlink का मानना है कि सैटेलाइट इंटरनेट के साथ सामान्य टेलीकॉम नेटवर्क से अलग व्यवहार होना चाहिए। सैटेलाइट स्पेक्ट्रम को बिना नीलामी के एलॉट किया जाना चाहिए।
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