हाल की एक रिसर्च से पता चलता है कि लोगों को स्मोकिंग छोड़ने में मदद करने के लिए वैपिंग ई-सिगरेट से फायदा नहीं हो सकता है। यूनाइटेड स्टेट्स सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने पहले सुझाव दिया था कि स्मोकिंग करने वाले अगर स्मोकिंग छोड़ने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं तो वे पफिंग सिगरेट से वैपिंग ई-सिगरेट पर स्विच कर सकते हैं। यह एक शर्त के साथ आया था: स्मोकिंग करने वालों को पूरी तरह से ई-सिगरेट पर स्विच करना होगा और रेगुलर सिगरेट को फिर से शुरू करने से बचना होगा। हालांकि, JAMA Network Open रिपोर्ट बताती है कि ई-सिगरेट स्मोकिंग करने वालों को रेगुलर सिगरेट से दूर रखने में बहुत मददगार नहीं थी। स्टडी कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, सैन डिएगो में हर्बर्ट वर्थाइम स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड ह्यूमन लॉन्गविटी साइंस और यूसी सैन डिएगो हेल्थ में मूरेस कैंसर सेंटर द्वारा की गई थी।
ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाले डिवाइस हैं जो एक एरोसोल बनाने के लिए एक हैटरोजीनस लिक्विड को गर्म करते हैं। यह लिक्विड निकोटीन, डाले गए फ्लेवर और दूसरे कैमिकल से बना है। एरोसोल को सिगरेट पीने का ऑप्शन माना जाता है।
जामा नेटवर्क ओपन के 19 अक्टूबर के ऑनलाइन अंक में प्रकाशित
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टडी "दिखाती है कि ई-सिगरेट पर स्विच करना (यहां तक कि डेली बेसिस पर भी) स्मोकिंग करने वालों को सिगरेट से दूर रहने में मदद नहीं कर पा रहा था।"
हर्बर्ट वर्थाइम स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और यूसी सैन डिएगो मूरेस कैंसर सेंटर के प्रोफेसर डॉ जॉन पी पियर्स ने कहा, "हमारे नतीजे बताते हैं कि जो लोग धूम्रपान छोड़ देते हैं और ई-सिगरेट या अन्य तंबाकू प्रोडक्ट्स पर स्विच करते हैं, वास्तव में उनमें अगले साल फिर से स्मोकिंग शुरू करने का रिस्क 8.5 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। बजाय कि उन लोगों के जिन्होंने किसी भी तरह के तम्बाकू सेवन को छोड़ दिया है।
ई-सिगरेट की पॉपुलेरिटी उस वक्त बढ़ गई थी जब मेडिकल एक्सपर्ट्स ने कहा था कि स्मोकिंग छोड़ने के लिए ई-सिगरेट को एक ऑप्शन की तरह यूज किया जा सकता है। हालांकि, पियर्स ने सुझाव दिया, "सबूत इशारा करते हैं कि ई-सिगरेट पर स्विच करने से सिगरेट से दूर रहने की संभावना कम हो गई है, संभावना बढ़ी नहीं है।"
रिसर्च करने वालों का मानना है कि यह अपने आप में एक अनोखी स्टडी थी।