इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc) ने एक नया सुपर कंप्यूटर ‘परम प्रवेग' (Param Pravega) इंस्टॉल किया है। इसे नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत इंस्टॉल किया गया है। दावा है कि यह देश में अपनी तरह का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर है। किसी अकैडमिक इंस्टिट्यूट में यह सबसे बड़ा सुपर कंप्यूटर है। IISc के परम प्रवेग में 3.3 पेटाफ्लॉप्स की सुपरकंप्यूटिंग कैपिसिटी है। 1 पेटाफ्लॉप, एक करोड़ शंख (quadrillion) ऑपरेशन प्रति सेकेंड के बराबर होता है। परम प्रवेग के कई कॉम्पोनेंट भारत में मैन्युफैक्चर और असेंबल किए गए हैं। IISc के अनुसार, इस सुपर कंप्यूटर से विभिन्न रिसर्च और शैक्षिक गतिविधियों को ताकत मिलने की उम्मीद है।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc) की
घोषणा के अनुसार, संस्थान ने नए सुपर कंप्यूटर- परम प्रवेग को सफलतापूर्वक इंस्टॉल और शुरू किया है। जैसा कि बताया गया है, नए सुपरकंप्यूटर की कुल कंप्यूटिंग कैपिसिटी 3.3 पेटाफ्लॉप है। परम प्रवेग को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) ने डिजाइन किया है।
Param Pravega के स्पेसिफिकेशंस
परम प्रवेग में विरोधी (heterogeneous) नोड्स का मिश्रण वाले फीचर्स हैं। इसमें इंटेल जीऑन कैस्केड लेक CPU और एनवीडिया टेस्ला V100 GPU इस्तेमाल हुआ है। ATOS BullSequana XH2000 सीरीज सिस्टम का इस्तेमाल करके 3.3 पेटाफ्लॉप्स की सुपरकंप्यूटिंग क्षमता हासिल की जाती है।
बात करें नोड कॉन्फिगरेशन तो, परम प्रवेग में दो मास्टर नोड, 11 लॉगिन नोड, दो फायरवॉल नोड, चार मैनेजमेंट नोड, एक NIS स्लेव और 624 कंप्यूट - CPU + GPU - नोड्स शामिल हैं। इन नोड्स को आगे 3 कैटिगरीज में बांटा गया है। ये हैं- रेगुलर CPU नोड्स, हाई-मेमोरी CPU नोड्स और GPU नोड्स।
रेगुलर CPU नोड्स में 2.9GHz इंटेल झियोन कैस्केड लेक 8628 CPU है। यह दो-सॉकेट कॉन्फिगरेशन में मिलता है, जिसमें प्रति नोड 48 कोर, 192GB रैम और 480GB SSD है। परम प्रवेग में 428 रेगुलर CPU नोड होते हैं। हाई-मेमोरी CPU नोड्स में प्रति नोड 768GB RAM का होता है और IISc के सुपरकंप्यूटर में ऐसे 156 नोड हैं।
इस सुपर कंप्यूटर में 2.5GHz Intel Xeon G-6248 CPU के साथ एक जैसे RAM और स्टोरेज कॉन्फिगरेशन में 40 GPU नोड हैं। हरेक नोड के GPU में दो 16GB Nvidia V100 Tesla (HBM2 डिवाइस मेमोरी) GPU होते हैं।
यह IISc का पहला सुपर कंप्यूटर नहीं है। 2015 में इसने सहस्र टी (SahasraT) का अधिग्रहण किया था और उस समय भारत में सबसे तेज सुपरकंप्यूटर था। IISc ने SahasraT का इस्तेमाल COVID-19 और दूसरी संक्रामक बीमारियों पर शोध के लिए किया है। IISc का मकसद परम प्रवेग के साथ इस तरह के शोध को बढ़ाना है।