भारत का साइबर सिक्योरिटी मॉनिटर डिपार्टमेंट CERT-In ने यूजर्स को चेतावनी देते हुए बताया कि Google Chrome ब्राउजर में दो खामियां देखी गई हैं। हैकर्स जिनका फायदा उठाकर यूजर्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मुख्य तौर पर Mac, PC और लैपटॉप प्लेटफॉर्म पर Chrome यूजर्स को सावधान किया गया है, इसमें स्मार्टफोन यूजर्स को उतना खतरा नहीं है। इन खामियों के चलते हैकर्स यूजर्स के डाटा और डिवाइस पर अधिकार पा सकते हैं। इससे ब्राउजर के लेटेस्ट वर्जन में अपडेट करने के महत्व का पता चला है। CERT-In ने यूजर्स से इन खतरों को कम करने के लिए तुरंत जरूरी सिक्योरिटी पैच लागू करने और अपने क्रॉम ब्राउजर को अपडेट करने के लिए कहा है।
Google Chrome पर कैसा है खतरा
CERT-In की वेबसाइट के अनुसार, वर्तमान में Google Chrome एक बड़ी खामी CIVN-2025-0099 का सामना कर रहा है। मॉनिटर करने वाली संस्था ने यह भी साफ किया है कि विंडोज और Mac के लिए 136.0.7103.113/.114 से पहले के क्रॉम वर्जन और Linux के लिए 136.0.7103.113 से पहले के वर्जन पर खतरा है।
CERT-In के अनुसार, Google Chrome (CIVN-2025-0099) में कई खामियां मौजूद हैं। CERT-In ने सावधान किया है कि अगर इन खामियों को फायदा उठाया गया तो निजी डाटा एक्सपोजर या सिस्टम स्टेबिलिटी हो सकती है। एजेंसी ने बताया कि ये खामियां ब्राउजर के लोडर कंपोनेंट में अनुचित पॉलिसी एनफोर्समेंट और Mojo में अनुचित मैनेजमेंट से पैदा होती हैं, जो Chrome में इंटर प्रोसेस कम्युनिकेशन को हैंडल करता है।
CERT-In की चेतावनी में कहा गया है कि "लोडर में अपर्याप्त पॉलिसी एनफोर्समेंट और मोजो में अज्ञात कंडीशन में गलत हैंडल प्रदान किए जाने के चलते Google Chrome में कई खामियां मौजूद हैं। एक रिमोट अटैकर किसी यूजर को स्पेशल तैयार किए गए वेब पेज पर जाने के लिए तैयार करके इन खामियों का फायदा उठा सकता है। इन खामियों का फायदा उठाकर एक रिमोट अटैकर को टार्गेट सिस्टम पर खुद का लगाने की अनुमति मिलती है।"