ब्राजील की हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा है कि उसकी वेबसाइट को ने हैक कर लिया गया था। इस साइबर हमले में वेबसाइट की सर्विस डाउन हो गई। इनमें से एक सिस्टम में नेशनल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम के बारे में जानकारी थी और दूसरा सिस्टम डिजिटल वैक्सीनेशन सर्टीफिकेट जारी करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
हैकिंग अटैक के बाद अब ब्राजील पहुंचने वाले यात्रियों के लिए थोड़ी परेशानी बढ़ गई है। स्वास्थ्य के नजरिए से जो भी जरूरी बिंदु सरकार लागू करने जा रही थी अब उन्हें एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया है।
एक बयान में कहा गया, "शुक्रवार की सुबह उसे एक ऐसी घटना का सामना करना पड़ा जिसने अस्थायी रूप से उसके कुछ सिस्टम से छेड़छाड़ की ... जो वर्तमान में चालू नहीं हैं।" पुलिस ने कहा कि हैकिंग की जांच की जा रही है।
कथित हैकर्स ने खुद को Lapsus$ Group से संबंधित बताया था। उन्होंने वेबसाइट पर एक मैसेज पोस्ट किया जिसमें कहा गया था कि इंटरनल डेटा को कॉपी और डिलीट कर दिया गया था और "अगर आप डेटा वापस चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।"
इस मैसेज में ई-मेल और Telegram कॉन्टैक्ट की जानकारी भी दी गई थी लेकिन इसे शुक्रवार दोपहर तक हटा दिया गया था। जानकारी हटाने के बाद भी वेबपेज डाउन था, जबकि ब्राजीलियाई लोगों को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी करने वाले ConectSUS ऐप में यूजर डेटा गायब हो गया था।
मंत्रालय ने कहा कि वह अपने सिस्टम को बहाल करने के लिए काम कर रहा है। उप स्वास्थ्य मंत्री रोड्रिगो क्रूज़ ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि वैक्सीनेशन डेटा तक एक्सेस अभी (शुक्रवार शाम) तक नहीं मिला है। क्रूज़ ने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि डेटा खो गया है या नहीं।
राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने वैक्सीन पासपोर्ट के इस्तेमाल को बंद कर दिया। एहतियात के लिए जो उपाय किए गए हैं उनके अंतर्गत अब ब्राजील में जो यात्री बिना वैक्सीनेट हुए पहुंच रहे हैं उन्हें पांच दिनों के लिए क्वारंटाइन करना होगा और उनका COVID-19 के लिए टेस्ट भी किया जाएगा।
इस हैकर अटैक के बाद वैक्सीनेशन डेटा ऑनलाइन उपलब्ध नहीं था। सरकार ने ब्राजील पहुंचने वाले यात्रियों के लिए जरूरी स्वास्थ्य उपायों को एक सप्ताह के लिए रोक दिया जो कि शनिवार से शुरू होना था। अब जिन यात्रियों को वैक्सीन नहीं लगी है उनको क्वारंटाइन करने का प्रावधान किया गया है। वहीं, आने वाले एयरलाइन यात्रियों के लिए COVID-19 ट्रेसिंग फॉर्म अभी भी हेल्थ रेगुलेटर Anvisa की वेबसाइट पर उपलब्ध थे। इस साइट को हैकर्स ने निशाना नहीं बनाया था।