हौसला बुलंद हो तो मंजिल पाना मुश्किल नहीं, इस कहावत को पश्चिमी राजस्थान के 14 विद्यार्थियों ने सच कर दिखाया है। सरहदी इलाके बाड़मेर में स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में पढ़ने वाले इन 14 स्टूडेंट्स ने एक आम साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल में तबदील किया है। संसाधनों का अभाव भी इन्हें इतनी बड़ी उपलब्धी हासिल करने में नहीं रोक पाया। हैरानी की बात यह है कि इन सभी विद्यार्थियों ने इस प्रोजेक्ट में लगा पैसा भी खुद जोड़ा था। ये सभी पॉलिटेक्निक की इलेक्ट्रिकल ब्रांच में पढ़ने वाले बच्चे हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक, बाड़मेर के पॉलिटेक्निकल कॉलेज के पढ़ने वाले इस छात्रों ने इस कमाल को मात्र एक महीने की रिसर्च में पूरा किया है। आम पारंपरिक साइकिल को इलेक्ट्रिक में तबदील करने के लिए BLDC मोटर को लगाया गया है, जिसे रिपोर्ट के अनुसार, 12 दिनों की लर्निंग के बाद तैयार किया गया। इसके अलावा, इसमें लेड एसिड बैटरी का उपयोग किया गया है। यह साइकिल एक बार चार्ज होने पर 20 से 30 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। बैटरी पैक को फुल चार्ज करने में सात घंटे का समय लगता है और बिजली और रेंज के हिसाब से इसे चलाने में 20 से 30 पैसे प्रति किलोमीटर की लागत आ रही है।
इस कारनामें को सच कर दिखाने वालों में जेठाराम, कासिम अली, ईश्वर सिंह, दशरथ सिंह सहित कुल 14 छात्र हैं, जिन्होंने इस प्रोजेक्ट पर लगे खर्च को अपनी पॉकेट मनी से निकाला है। रिपोर्ट के अनुसार, इस पॉलोटेक्निक कॉलेज के एक प्रोफेसर अमृत जांगिड़ का कहना है कि फाइनल ईयर के बाद विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए कई तरह के प्रोजेक्ट बनाने के लिए कहा जाता है। इसी के तहत इन 14 छोत्रों के ग्रुप यह प्रोजेक्ट बनाया है।
जांगिड़ के मुताबिक देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें तेज़ी से बढ़ रही है, इसलिए इस तरह के आइडिया आने वाले दिनों में देश को साधन संपन्न बनाने में काफी मदद कर सकते हैं। हालांकि ऐसा सच होने के लिए इन बच्चों को प्रोत्साहन के लिए कोई जरिया मिलना चाहिए।