1 अप्रैल से OTT प्लेटफॉर्म द्वारा सब्सक्रिप्शन के लिए लगाए जाने वाला ऑटो डेबिट सिस्टम बंद हो जाएगा। RBI ने इसे लेकर नए नियम बनाए हैं, जो 1 अप्रैल से लागू होंगे। इसका असर न केवल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पड़ेगा, बल्कि यदि आप मोबाइल बिल या अन्य यूटिलिटी बिल के पेमेंट के लिए भी ऑटो डेबिट फीचर का इस्तेमाल करते हैं, तो आप 1 अप्रैल से ऐसा नहीं कर पाएंगे। बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने Additional Factor Authentication (AFA) के लिए ये नई गाइडलाइंस लागू करने के लिए 31 मार्च तक की डेडलाइन दी है।
आरबीआई (RBI) ने अपने प्रारंभिक
सर्कुलर में कहा था कि वह क्रेडिट और डेबिट कार्ड और प्रीपेड भुगतान सिस्टम जैसे कि मोबाइल वॉलेट्स के जरिए से होने वाले रिकरिंग ट्रांजैक्शन पर एडिशनल फेक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन (AFA) लगाने की योजना बना रहा था और अब नई गाइडलाइंस लागू होने का समय आ गया है। नई गाइडलाइंस डेबिट या क्रेडिट कार्ड, OTT सब्सक्रिप्शन और डिज़िटल न्यूज़ सब्सक्रिप्शन के ऑटो डेबिट सिस्टम पर लागू होंगी। इसमें कोई शक नहीं है कि RBI के इस फैसले का असर करोड़ों सब्सक्राइबर्स पर होगा, क्योंकि आशंका है कि नियमों के लागू होने के साथ ही इस तरह की ट्रांजैक्शन पर असर पड़ेगा।
ऑटो डेबिट (रिकरिंग ट्रांजैक्शन) को लेकर RBI के नए नियमों को आसान शब्दों में समझे, तो 1 अप्रैल से बैंकों को ऑटो-डेबिट भुगतान की तारीख से 5 दिन पहले ग्राहक को एक नोटिफिकेशन भेजना होगा। भुगतान केवल तभी हो पाएगा, जब ग्राहक मंजूरी देगा। इतना ही नहीं, यदि पेमेंट 5,000 रुपये से ज्यादा है, तो बैंक ग्राहक को OTP भी भेजेगा। अब समस्या यह है कि एक ओर RBI अपने नए नियमों को लागू करने वाला है और दूसरी ओर IAMAI (इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया) का कहना है कि ज्यादातर बड़े बैंकों ने इसके लिए खुद को तैयार नहीं किया है, जिस वजह से बैंकों से जुड़े कार्ड नेटवर्क इस सर्कुलर का पालन नहीं कर पाएंगे। यदि ऐसा होता है तो 1 अप्रैल से डेबिट या क्रेडिट कार्ड से होने वाले करोड़ों ऑटोमैटिक रिकरिंग (ऑटो-डेबिट) पेमेंट फेल हो सकते हैं।
हालांकि अच्छी बात यह है कि UPI के AutoPay सिस्टम से इस तरह के ऑटो-डेबिट भुगतान पर कोई असर नहीं होगा। कई बड़े बैंकों और उनसे जुड़े नेटवर्क साझेदारों ने रिकरिंग पेमेंट प्रक्रिया को लेकर अपने ग्राहकों को जानकारी देना शुरू कर दिया है। ग्राहकों को 1 अप्रैल से इस तरह के भुगतान के लिए अन्य वैकल्पिक तरीके अपनाने की सलाह दी जा रही हैं।