Work from Home: 2030 तक 9.2 करोड़ नौकरियों में नहीं जाना होगा ऑफिस!

Work from Home : लोअर-मिडिल इनकम वाले देशों में इस तरह की जॉब्‍स बढ़ सकती हैं, अगर वहां सही कौशल और क्‍वॉलिफ‍िकेशन वाले लोग मिलें।

Work from Home: 2030 तक 9.2 करोड़ नौकरियों में नहीं जाना होगा ऑफिस!

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वर्क-फ्रॉम होम का दायरा अकाउंटिंग, लीगल, फाइनैंस, आईटी सर्विसेज में बढ़ सकता है।

ख़ास बातें
  • वर्क फ्रॉम होम नौकरियों की बढ़ सकती है संख्‍या
  • 2030 तक 9 करोड़ से ज्‍यादा नौकरियां wfh
  • वर्ल्‍ड इकॉनमिक फोरम के वाइट पेपर में बताया गया
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कोविड-19 (Covid19) ने दुनिया को वर्क फ्रॉम होम (wfh) करना सिखा दिया। भले ही ऑफ‍िसेज खुलने लगे हैं और कंपनियां अपने कर्मचारियों को दफ्तर बुला रही हैं, लेकिन ट्रेंड नए अनुमान भी देता है। वर्ल्‍ड इकॉनमिक फोरम (World Economic Forum) के वाइट पेपर में भविष्‍यवाणी की गई है कि 2030 तक 92 मिलियन (9.2 करोड़) नौकरियां पूरी तरह से रिमोट वर्क पर जाने की उम्‍मीद है। यह मौजूदा 73 मिलियन (7.3 करोड़) के आंकड़े से ज्‍यादा है। 

वाइट पेपर का टाइटल है- Realising the Potential of Global Digital Jobs। इसमें कहा गया है कि "काम करने के नए तरीके, अगर प्रभावी ढंग से मैनेज किए जाएं, तो फायदा देते हैं।"

रिपोर्ट के अनुसार, क्लाउड कंप्यूटिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और आर्टिफ‍िशियल इंटेल‍िजेंस जैसी टेक्‍नॉलजीज के बढ़ने से फायदा हुआ है। इससे रिमोटली काम करना पहले के मुकाबले ज्‍यादा वाइबल हो गया है। वाइट पेपर कहता है कि लोअर-मिडिल इनकम वाले देशों में इस तरह की जॉब्‍स बढ़ सकती हैं, अगर वहां सही कौशल और क्‍वॉलिफ‍िकेशन वाले लोग मिलें। 

 

इन क्षेत्रों में बढ़ सकता है wfh

रिपोर्ट में अनुमान है कि वर्क-फ्रॉम होम का दायरा अकाउंटिंग, लीगल, फाइनैंस, आईटी सर्विसेज में बढ़ सकता है। हेल्‍थकेयर, मार्केटिंग, एडवरटाइजिंग, कम्‍युनिकेशन और साइबर सिक्‍योरिटी के क्षेत्र में भी रिमोट वर्क के लिए बेहतर आंके गए हैं। 

हालांकि ऐसा नहीं है कि रिमोट वर्क की चुनौतियां नहीं हैं। कुछ क्षेत्रों में हाईस्‍पीड इंटरनेट एक समस्‍या हो सकती है। कारपोरेट हार्डवेयर को भी बैरियर के रूप में माना गया है। इसका सॉल्‍यूशन देते हुए कहा गया है कि वर्कर्स को यह अलाऊ किया जाए कि वो अपनी डिवाइस इस्‍तेमाल कर सकें ऑफ‍िस के काम के लिए। हालांकि नाइजीरिया जैसे देश में सिर्फ 38 फीसदी घरों में लोगों के पास अपना कंप्‍यूटर है। 

वाइट पेपर यह भी कहता है कि जो कंपनियां रिमोट वर्क का दायरा बढ़ाती हैं, उनका लक्ष्‍य पैसा बचाने के बजाए टैलंट को आकर्षित करने पर होना चाहिए। 
 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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