Battlegrounds Mobile India अब अर्ली एक्सेस के रूप में उपलब्ध है और इसके लाइव होने के एक दिन के भीतर ही इसे 50 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। गेम की प्राइवेली पॉलिसी (Battlegrounds Mobile India privacy policy) में बताया गया है कि डेटा सिंगापुर और भारत में स्थित सर्वर में जमा किया जाएगा, लेकिन यह गेम सर्विस संचालित करने या कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यूज़र्स के डेटा को अन्य देशों में ट्रांस्फर कर सकता है। एक ताजा रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि डेटा चीन, हांगकांग, अमेरिका और मॉस्को के सर्वर को भेजा जा रहा है। भारतीय बाजार में वापसी करने के लिए गेम डेवलपर Krafton ने पिछले साल चीन के साथ सभी संबंधों को खत्म करने का वादा किया था।
Battlegrounds Mobile India के प्राइवेसी पॉलिसी पेज में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि (अनुवादित) "Krafton गेम सर्विस संचालित करने और/या कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आपके डेटा को अन्य देशों और/या क्षेत्रों में स्थानांतरित कर सकता है।" कंपनी का कहना है कि यूं तो व्यक्तिगत जानकारी भारत और सिंगापुर में स्थित सर्वर पर संग्रहीत और संसाधित की जाएगी, लेकिन फिर भी, यदि इसे किसी अन्य देश या क्षेत्र में ट्रांस्फर करना हो, तो Krafton "यह सुनिश्चित करेगी कि आपकी जानकारी उसी तरह सुरक्षित रहे, जैसे कि वो भारत में होगी।”
IGN India की एक
रिपोर्ट के अनुसार, बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया एपीके (Battlegrounds Mobile India APK) द्वारा डेटा चीन सहित कई अन्य क्षेत्रों के सर्वरों को भेजा और प्राप्त किया गया था। डेटा को कथित तौर पर बीजिंग में चाइना मोबाइल कम्युनिकेशंस सर्वर, हांगकांग में Tencent द्वारा संचालित Proxima Beta, साथ ही मुंबई, मॉस्को और यूएस में स्थित Microsoft Azure सर्वर को भेजा गया था। बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया कथित तौर पर गेम को बूट करते समय बीजिंग में स्थित एक Tencent सर्वर को भी पिंग करता है।
पिछले साल, भारत सरकार ने चीन और भारत के बीच भू-राजनीतिक तनाव के चलते सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत 250 से अधिक ऐप्स और वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया था। पबजी मोबाइल उस समय प्रतिबंधित गेम्स में से एक था और अब, इसे Battlegrounds Mobile India के रूप में फिर से लॉन्च किया गया है। Krafton ने चीन स्थित Tencent के साथ संबंध तोड़ने और देश में 100 मिलियन डॉलर (लगभग 741 करोड़ रुपये) से अधिक का निवेश करने का वादा भी किया था।