तुर्की के क्रिप्टो एक्सचेंज Bitay ने भारत में बिजनेस शुरू करने की घोषणा की है। इससे Bitay को अपने यूजर्स की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। तुर्की की राजधानी इंस्तांबुल में हेडक्वार्टर रखने वाले इस एक्सचेंज पर यूजर्स को क्रिप्टो एसेट्स को खरीदने और बेचने की सुविधा मिलती है। एक्सचेंज का सेफ्टी पर काफी जोर है।
Bitay का दावा है कि वह अधिक सेफ्टी के लिए कस्टमर्स के एसेट्स को को बिना इंटरनेट कनेक्शन वाले कंप्यूटर्स पर स्टोर करता है। एक्सचेंज को चलाने वाले फर्म की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि उसने गुरूग्राम में ऑफिस खोला है। इस एक्सचेंज की शुरुआत लगभग तीन वर्ष पहले हुई थी। इसके प्रति दिन के एक्टिव ट्रेडर्स की संख्या 30,000 से अधिक है और इसके यूजर्स की संख्या लगभग 7.5 लाख की है। एक्सचेंज पर प्रति दिन की औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग 25 करोड़ डॉलर है। Bitay के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर Niyazi Yilmaz ने कहा, "भारत में अपनी मौजूदगी से हम उत्साहित हैं। हमें देश में क्रिप्टोकरेंसी के लिए मौजूदा कानूनी स्थिति और रेगुलेटरी गाइडलाइंस की पूरी जानकारी है।"
उनका कहना था कि क्रिप्टो इंडस्ट्री में ग्रोथ की अधिक संभावना को ध्यान में रखते हुए एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसीज से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत के
टैक्स और जुलाई से लागू होने वाले 1 प्रतिशत के TDS का स्वागत करता है। Yilmaz ने कहा, "हमारी योजना भारतीय इनवेस्टर्स और ट्रेडर्स तक पहुंचने और उन्हें हमारे ऑफर्स के बारे में जानकारी देने की है। हमारे प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाले शुरुआती यूजर्स को KYC पूरा करने के बाद Bitay की ओर से एयरड्रॉप दिया जाएगा।"
एक्सचेंज ने अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड और एस्टोनिया जैसे देशों में भी अपना बिजनेस शुरू करने की योजना बनाई है। इन देशों में क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े ट्रेडर्स की बड़ी संख्या है। एक्सचेंज के पास अमेरिका के 12 राज्यों में लाइसेंस है। हाल के महीनों में
क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़ी फर्मों ने भारत में अपना बिजनेस शुरू करने की योजना बनाई है। देश में इस सेगमेंट के तेजी से बढ़ने का इन फर्मों को फायदा मिल सकता है। हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से क्रिप्टोकरेंसीज पर टैक्स लागू करने के बाद से इस सेगमेंट में ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट आई है। क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने सरकार से टैक्स की दर कम करने का निवेदन किया है। क्रिप्टो सेगमेंट के लिए कानून बनाने पर भी काम किया जा रहा है।