वर्षों से निष्क्रिय वॉलेट से ट्रांसफर हुए 10 करोड़ डॉलर से अधिक के Bitcoin

लगभग नौ वर्षों से निष्क्रिय एक वॉलेट से 5,000 से अधिक बिटकॉइन एक नए वॉलेट में ट्रांसफर किए गए हैं

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 30 अगस्त 2022 20:39 IST
ख़ास बातें
  • बड़ी ट्रांजैक्शंस से क्रिप्टो मार्केट पर असर पड़ने की आशंका होती है
  • क्रिप्टो मार्केट में मंदी का असर इस सेगमेंट की बहुत सी फर्मों पर पड़ा है
  • ये फर्में कॉस्ट घटाने के लिए उपाय कर रही हैं

इसका क्रिप्टो मार्केट पर असर नहीं पड़ा है

पिछले कुछ महीनों में वर्षों से निष्क्रिय रहे वॉलेट्स से Bitcoin को ट्रांसफर करने के मामले बढ़े हैं। ऐसे ही एक मामले में लगभग नौ वर्षों से निष्क्रिय एक वॉलेट से 5,000 से अधिक बिटकॉइन एक नए वॉलेट में ट्रांसफर किए गए हैं। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से इस सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी के मौजूदा रेट पर इनकी कीमत 10.12 करोड़ डॉलर से अधिक की है।

चीन के पत्रकार और ब्लॉगर Colin Wu ने Bitinforcharts के डेटा लेकर यह जानकारी दी है। इस तरह के कुछ वॉलेट्स बिटकॉइन के क्रिएटर माने जाने वाले Satoshi Nakamoto के इस क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत करने के बाद सेट अप किए गए थे। इस तरह की बड़ी ट्रांजैक्शंस से ट्रेडर्स को बिटकॉइन के प्राइस में गिरावट होने की आशंका रहती है। हालांकि, इनका क्रिप्टो मार्केट पर असर नहीं पड़ा है। इस महीने की शुरुआत में लगभग आठ वर्षों से निष्क्रिय रहे एक वॉलेट से 1,110 बिटकॉइन को ट्रांसफर किया गया था। Wu ने ट्वीट कर बताया है कि इसी से जुड़े तीन अन्य बिटकॉइन वॉलेट्स में भी बड़ी संख्या में बिटकॉइन मौजूद हैं। इनमें से दो वॉलेट्स में लगभग 5,000 और एक अन्य वॉलेट में 6,000 से अधिक बिटकॉइन हैं। हालांकि, इन्हें ट्रांसफर नहीं किया गया है। 

बिकवाली के कारण पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज घट गए हैं और इनवेस्टर्स को बड़ा नुकसान हुआ है। क्रिप्टो मार्केट में मंदी का असर इस सेगमेंट की बहुत सी फर्मों पर पड़ा है और ये फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती जैसे उपाय कर रही है। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े हैकिंग के मामलों से होने वाला नुकसान इस वर्ष के शुरुआती सात महीनों में लगभग 60 प्रतिशत बढ़ा है। इस वर्ष जुलाई तक ऐसे मामलों से लगभग 1.9 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह नुकसान लगभग 1.2 अरब डॉलर का था। डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) प्रोटोकॉल्स से चुराए गए फंड्स में काफी बढ़ोतरी हुई है।

ब्लॉकचेन एनालिसिस फर्म Chainalysis ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था कि हैकर्स के अटैक पर जल्द लगाम लगने की संभावना कम है। इस महीने के पहले सप्ताह में क्रॉस-चेन ब्रिज Nomad की हैकिंग में लगभग 19 करोड़ डॉलर और कई Solana वॉलेट्स की हैकिंग से लगभग 50 लाख डॉलर का फंड चुराया गया है। Chainalysis ने बताया, "DeFi प्रोटोकॉल्स की हैकिंग का रिस्क अधिक होता है क्योंकि उनके ओपन सोर्स कोड से सायबर अपराधियों को सेंध लगाने में मदद मिलती है।" 
 
 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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