यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia-Ukraine War) के बाद कई देशों ने रूस की अर्थव्यवस्था को गिराने के लिए देश पर भारी प्रतिबंधों की घोषणा की है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि रूस में क्रिप्टो का जबरदस्त चलन देश में मौजूद अरबपतियों को इन प्रतिबंधों से लगने वाला वित्तीय झटका महसूस नहीं होने देगा। अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) प्रतिबंधों को लागू करने के लिए बैंकों पर बहुत अधिक निर्भर हैं, लेकिन क्योंकि डिज़िटल करेंसी स्टैंडर्ड ग्लोबल बैंकिंग नियमों के दायरे से बाहर हैं, क्रिप्टो रूस की अर्थव्यवस्था के प्रमुख स्तंभ के रूप में उभर सकती है।
वित्तीय सलाहकार फर्म क्वांटम इकोनॉमिक्स (Quantom Economics) के संस्थापक और सीईओ माटी ग्रीनस्पैन (Mati Greenspan) ने Bloomberg को
बताया, "यदि दो लोग या संगठन एक-दूसरे के साथ व्यापार करना चाहते हैं और बैंकों के जरिए ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं, तो वे बिटकॉइन के साथ ऐसा कर सकते हैं।" यदि एक धनी व्यक्ति चिंतित है कि प्रतिबंधों के कारण उसके अकाउंट बंद हो सकते हैं, तो वह इससे बचने के लिए बस अपने पैसे को बिटकॉइन में बदल सकता है।"
जैसा कि Cointelegraph की एक
रिपोर्ट में बताया गया है, यह भी ध्यान देना होगा कि
Bitcoin नेटवर्क की आधे से अधिक कंप्यूटिंग पावर मुख्य रूप से तीन देशों-अमेरिका, कजाकिस्तान और रूस से आती है। क्योंकि रूस टॉप तीन देशों में शामिल है, क्रिप्टो इंडस्ट्री पर नजर रखने वाले नेटवर्क में आए किसी भी रोक-टोक का बारीकी से ध्यान रख रहे होंगे।"
जाहिर है कि इन प्रतिबंधों के बाद भी रूस में Bitcoin माइनिंग पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन प्रतिबंध उन माइनर्स को जरूर प्रभावित कर सकते हैं, जो अक्सर एक्सचेंज्स और पारंपरिक फाइनेंशियल सिस्टम से जुड़ी अन्य संस्थाओं से डील करते हैं, जैसे कि BTC को कैश के लिए एक्सचेंज करना।
Cambridge Centre for Alternative Finance के
अनुसार, जुलाई 2021 तक ग्लोबल बिटकॉइन हैशरेट के 11% से अधिक के लिए रूस जिम्मेदार था। हैशरेट नेटवर्क को समर्पित कंप्यूटिंग पावर का पता लगाने का एक तरीका है। अब यदि प्रतिबंध पूल प्रोवाइडर्स को प्रभावित करते हैं, तो हैश-पावर में रूस का योगदान नीचे गिर सकता है।