प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बजट में प्रस्तावित डिजिटल रूपी (digital rupee) को कैश में बदला जा सकता है और यह फिनटेक सेक्टर में नए अवसर खोलेगा। बीजेपी द्वारा आयोजित 'आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था' संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी या डिजिटल रुपया ऑनलाइन पेमेंट को ज्यादा सेफ और खतरे से मुक्त बना देगा। यह आने वाले साल में डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा देगा। इस संगोष्ठी में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया।
वर्चुअल संगोष्ठी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डिजिटल रुपया हमारे फिजिकल रुपये का डिजिटल रूप होगा और इसे RBI द्वारा रेगुलेट किया जाएगा। यह ऐसा सिस्टम होगा, जो डिजिटल करेंसी के साथ फिजिकल करेंसी के आदान-प्रदान को सक्षम बनाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल इकॉनमी को मजबूत करेगी। अगर कोई डिजिटल करेंसी में पेमेंट करता है, तो आप इसे कैश में बदल सकेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि CBDC का लॉन्च होने के बाद डिजिटल पेमेंट और फंड्स का ऑनलाइन ट्रांसफर ज्यादा सेफ और जोखिम मुक्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे ग्लोबल डिजिटल पेमेंट सिस्टम के डेवलपमेंट में भी आसानी होगी।
उन्होंने कहा कि डिजिटल रुपया नए अवसर पैदा करके फिनटेक सेक्टर में क्रांति लाएगा और कैश के लॉजिस्टिक मैनेजमेंट, प्रिंटिंग और हैंडलिंग के बोझ को कम करेगा। मंगलवार को पेश हुए केंद्रीय बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि भारत 2022-23 में ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करके 'डिजिटल रुपया' लॉन्च करेगा।
इसके अलावा, सरकार ने बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का भी ऐलान किया है। यह कवायद इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए की जाएगी। लोकसभा में अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा कि शहरी इलाकों में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने में जगह की कमी को देखते हुए बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लाई जाएगी और इंटरऑपरेबिलिटी मानकों को तैयार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बैटरी या एनर्जी सर्विस के लिए सस्टेनेबल बिजनेस मॉडल स्थापित करने को लेकर प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) इकोसिस्टम में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। यह सब स्वच्छ तकनीक, जीरो जीवाश्म ईंधन पॉलिसी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के जरिए मुमकिन होगा।