वेंचर कैपिटल फर्म जंप क्रिप्टो (Jump Crypto) ने 320 मिलियन डॉलर (लगभग 2,391 करोड़ रुपये) के Ether टोकन की फिर से पूर्ति कर दी है। ये टोकन हाल में हुई एक हैकिंग में वर्महोल पोर्टल (Wormhole portal) से चोरी हो गए थे। जंप क्रिप्टो के पास Certus One का मालिकाना है, जिसने वर्महोल ब्लॉकचेन ब्रिज डेवलप किया है। चुराई गई पूंजी को बदलने के लिए फर्म ने वर्महोल अकाउंट्स में कुल 1 लाख 20 हजार Ether टोकन जमा किए। डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) के सेक्टर में इसे अबतक का सबसे बड़ा ‘बेलआउट' कहा जा रहा है। जंप क्रिप्टो ने ट्विटर पर यह डिटेल शेयर की है।
ट्वीट में कहा गया है कि हमने कम्युनटी मेंबर्स के लिए और वर्महोल को सपोर्ट करने के लिए 1 लाख 20 हजार Ether टोकन को बदल दिया है।
वर्महोल पोर्टल लोगों को Ethereum-बेस्ड स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ एक क्रिप्टोकरेंसी से दूसरे में स्विच करने की इजाजत देता है। यह प्लेटफॉर्म इनपुट क्रिप्टोकरेंसी को एक टेंपरेरी इंटरनल टोकन में बदल देता है, जिसे रैप्ड Ether (wETH) कहा जाता है। उसके बाद इसे यूजर्स की जरूरत वाली क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया जाता है। ऐसे पोर्टलों को ‘ब्लॉकचैन ब्रिज' कहा जाता है।
इस सप्ताह की शुरुआत में वर्महोल को हैक कर लिया गया था। हैकर ने धोखाधड़ी करके 1 लाख 20 हजार टोकन की माइनिंग की, जिसकी कीमत लगभग 322 मिलियन डॉलर (2,410 करोड़ रुपये) थी। CoinTelegraph की एक
रिपोर्ट के अनुसार हैकर्स ने Ether टोकन के लिए 93,750 wETH को भुनाया, जबकि बाकी को altcoins के लिए स्वैप किया।
चोरी किए गए फंड को बदलने के बावजूद धोखाधड़ी से बनाई गई क्रिप्टोकरेंसी वजूद में है और उसे क्लीन टोकंस हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वर्महोल पोर्टल ने अज्ञात हैकरों को 10 मिलियन डॉलर (करीब 75 करोड़ रुपये) का इनाम देने की पेशकश भी की है। हालांकि हैकर्स की ओर से अबतक किसी रेस्पॉन्स की जानकारी नहीं मिली है। पिछले साल रिसर्च रिपोर्टों से पता चला था कि DeFi प्रोटोकॉल के सेंट्रलाइज्ड एलिमेंट हैकर्स की चपेट में हैं।
ब्लॉकचेन रिसर्च फर्म CertiK की एक रिपोर्ट से पता चला है कि साइबर क्रिमिनल्स ने 1.3 बिलियन डॉलर (लगभग 9,606 करोड़ रुपये) से अधिक की चोरी की, जिससे DeFi प्रोटोकॉल को भारी नुकसान हुआ।