भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों की तादात बढ़ने के साथ, इस क्षेत्र से संबंधित क्राइम व घोटालों (Cryptocurrency related scams, crimes) की संख्या भी बढ़ गई हैं। हाल ही में एक घटना सामने आई है, जहां बेंगलुरु के एक 30 वर्षीय क्रिप्टो निवेशक के साथ कथित तौर पर 2 करोड़ का घोटाला हो गया है। पीड़ित का नाम धनराज एस (Dhanraj S) है, और वह बेंगलुरु के जयानगर इलाके का निवासी है। धनराज ने एक परिचित संतोष टीएस (Santosh TS) पर कथित रूप से धोखा देने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
धनराज और संतोष दोनों एक-दूसरे को 2014 से जानते हैं। संतोष ने कथित तौर पर धनराज को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने को कहा था। धनराज का
कहना है कि संतोष के कहने पर उसने लगभग 2.25 करोड़ क्रिप्टोकरेंसी और अन्य व्यवसायों पर ऑनलाइन और कैश लेनदेन के जरिए निवेश किए थे, जो उसने खो दिए हैं।
वर्तमान में, धनराज द्वारा क्रिप्टो एसेट में कितना पैसा निवेश किया है, इसका खुलासा नहीं किया गया है। जयानगर पुलिस ने कथित तौर पर संदिग्ध के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
इससे पहले 2021 में, बेंगलुरु के एक 38 वर्षीय क्रिप्टो निवेशक ने कथित तौर पर लगभग 10 लाख रुपये धोखाधड़ी में गवां दिए थे। यह घटना एक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर हुई, जब पीड़िता बैंक अकाउंट से वॉलेट में 90,000 रुपये ट्रांसफर करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसने गलत हेल्पलाइन नंबर पर कनेक्ट कर लिया।
उस समय, अज्ञात फर्जी हेल्पलाइन ऑपरेटर ने पीड़ित से ओटीपी लिया और खुद के व्यक्तिगत वॉलेट में 9 लाख रुपये से अधिक पैसा ट्रांस्फर कर दिया। क्योंकि ब्लॉकचेन पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले ट्रांस्फर ट्रेस नहीं किए जा सकते हैं, इसलिए इस तरह की धोखाधड़ी में खोए पैसों को वापस प्राप्त करना मुश्किल होता है।
दिसंबर 2021 में, हैदराबाद की एडिशनल पुलिस कनिश्नर (क्राइम और एसआईटी) शिखा गोयल (Shikha Goel) ने भारत में क्रिप्टो निवेशकों को अपने एसेट को अज्ञात, अनधिकृत वॉलेट में ट्रांस्फर करने से बचने की सलाह दी थी।