देश में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े करोड़ों रुपये के सायबर फ्रॉड का खुलासा 

सायबर फ्रॉड से जुड़े इस सिंडिकेट को पकड़ने के लिए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में कई स्थानों पर छापे मारे गए हैं

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 11 नवंबर 2025 23:06 IST
ख़ास बातें
  • इस मामले में इनवेस्टमेंट से जुड़े फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट से ठगा जाता था
  • इसमें लगभग पांच करोड़ रुपये की क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस को पकड़ा गया है
  • पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामले बढ़े हैं

इस मामले में लगभग पांच करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी ट्रेल का खुलासा किया गया है

भारत में पिछले कुछ वर्षों में सायबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसी तरह के एक मामले में देश भर में सायबर फ्रॉड के बड़े सिंडिकेट को पकड़ा गया है। इसमें पीड़ितों को इनवेस्टमेंट से जुड़े फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगा जाता था। इस मामले में दुबई में मौजूद अपराधियों तक लगभग पांच करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी ट्रेल का खुलासा किया गया है।  

सायबर फ्रॉड से जुड़े इस सिंडिकेट को पकड़ने के लिए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में कई स्थानों पर छापे मारे गए हैं। इन छापों में कई मोबाइल फोन, लैपटॉप्स, SIM कार्ड्स, डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स, चेक बुक्स और कुछ अन्य मैटीरियल को जब्त किया गया है। इस मामले में जांचकर्ताओं ने जाली फर्मों, म्यूल एकाउंट्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए गैर कानूनी रकम को छिपाने और चैनल करने के लिए इस्तेमाल करने का पता लगाया है। 

इसमें हरियाणा का रहने वाला एक आरोपी Atul Sharma गिरफ्तार किया गया है। वह इनवेस्टमेंट स्कैम में लोगों को फंसाता था। इसका हैंडलर दुबई में मौजूद Sumit Garg है। पुलिस ने इस सिंडिकेट से जुड़े तीन क्रिप्टो वॉलेट्स में लगभग पांच करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शंस को पकड़ा है। हाल ही में  इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने केरल में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लगभग 330 करोड़ रुपये के हवाला रैकेट का खुलासा किया था। यह रैकेट कथित तौर पर एक फ्लावर एक्सपोर्ट फर्म की आड़ में चलाया जा रहा था। 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इनवेस्टिगेशन विंग ने केरल के मालापुरम और कोझिकोड जिलों में जांच के दौरान कई स्थानों पर छापा मारा था। फ्लावर्स का एक्सपोर्ट करने वाली यह फर्म मालापुरम के दो व्यक्ति चला रहे थे। पिछले कई वर्षों से यह फर्म इंडोनेशिया को फ्लावर्स का एक्सपोर्ट कर रही थी। इन दोनों आरोपियों को बैंकिंग सिस्टम के बजाय क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट्स मिलती थी। इस मामले में रकम को छिपाने के लिए इन दोनों ने कथित तौर पर स्टूडेंट्स सहित विभिन्न व्यक्तियों के नामों पर कई क्रिप्टो वॉलेट्स बनाए थे। इनमें से एक व्यक्ति मालापुरम और कोझिकोड से कारोबार संभाल रहा था और एक अन्य सऊदी अरब में मौजूद है। इस मामले में शुरुआती अनुमान से क्रिप्टोकरेंसीज के जरिए लगभग 330 करोड़ रुपये की ट्रांजैक्शंस का पता चला है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि हवाला की रकम का सटीक अनुमान डिजिटल वॉलेट्स की जांच के बाद लगाया जा सकता है। 

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