पिछले कुछ दिनों की गिरावट के बाद क्रिप्टो मार्केट में शुक्रवार को प्रॉफिट था। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस 7.63 प्रतिशत बढ़कर CoinMarketCap जैसे इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर लगभग 61,285 डॉलर का था। भारतीय एक्सचेंजों पर यह लगभग छह प्रतिशत बढ़कर लगभग 65,545 डॉलर पर था। रूस में बिटकॉइन माइनिंग को कानूनी दर्जा मिलना क्रिप्टो मार्केट में तेजी का बड़ा कारण है।
Ether में 8.17 प्रतिशत की तेजी थी। इसका प्राइस लगभग 2,527 डॉलर पर था। इसके अलावा Avalanche, Tether, Polkadot, Solana, Polygon, Litecoin, Stellar और Cronos के प्राइस बढ़े हैं। गिरावट वाली क्रिप्टोकरेंसीज में Near Protocol और मीम कॉइन Shiba Inu शामिल थे। पिछले एक दिन में
क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 6.64 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.15 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो ऐप CoinSwitch के मार्केट्स डेस्क ने Gadgets360 को बताया, "इस तेजी का कारण इनवेस्टर्स का भरोसा बढ़ना है। हाल ही में रेगुलेटरी घटनाक्रम से मार्केट में तनाव घटा है। हालांकि, एनालिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि इस रिकवरी पर वोलैटिलिटी का असर पड़ सकता है।" भारत में क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों को अपने बिजनेस को सुरक्षित और कानूनी तरीके से बढ़ाने के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का इंतजार है। हालांकि, केंद्र सरकार की इस सेगमेंट को रेगुलेट करने की कोई योजना नहीं है। यूरोपियन यूनियन ( EU) और UAE ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाए हैं।
हाल ही में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री Pankaj Chaudhary ने बताया था कि निकट भविष्य में वर्चुअल एसेट्स की खरीद और बिक्री को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने का कोई प्रपोजल नहीं है। सांसद G M Harish Balayogi ने इस
सेगमेंट को लेकर सरकार के रुख पर प्रशन किए थे। उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार के पास क्रिप्टो सेगमेंट को रेगुलेट करने के लिए रूल्स लाने का कोई प्रपोजल है. इसके उत्तर में चौधरी ने कहा, "वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की खरीद और बिक्री को रेगुलेट करने के लिए कानून लाने का कोई प्रपोजल नहीं है। हालांकि, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग जैसे निगरानी के विशेष उद्देश्यों के लिए फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) को अधिकृत किया गया है।" पिछले वर्ष G20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत ने G20 ग्रुप के सदस्यों के लिए क्रिप्टो से जुड़े कानून का ड्राफ्ट तैयार करने के उद्देश्य से इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB) के साथ कोलेब्रेट किया था।