मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में गुरुवार को लगभग आधा प्रतिशत का प्रॉफिट था। इसका प्राइस 39,921 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। पिछले एक दिन में यह 271 डॉलर बढ़ा है। इससे बिकवाली का दबाव कम होने का संकेत मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों में बिटकॉइन के प्राइस में बड़ी गिरावट हुई थी।
दूसरी सबसे बड़ी
क्रिप्टोकरेंसी Ether के साथ ही Tether, Binance Coin, USD Coin, Chainlink और Bitcoin SV के प्राइस घटे हैं। Avalanche Solana, Ripple, Cardano और Tron में तेजी थी। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 0.38 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.55 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने Gadgets360 को बताया, "बिटकॉइन में मामूली तेजी के साथ क्रिप्टो की मार्केट वैल्यू बढ़ी है। हालांकि, मार्केट में उत्साह की कमी है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व को मार्केट लिक्विडिटी बढ़ाने और इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए इंटरेस्ट रेट्स में जल्द कमी शुरू करनी चाहिए।" कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट को लेकर चेतावनी दी है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इमर्जिंग मार्केट्स को खतरे की चेतावनी दोहराई थी। RBI का कहना था कि कुछ देशों में इस सेगमेंट को स्वीकृति मिलने के बावजूद उसकी पोजिशन में इसे लेकर बदलाव नहीं हुआ है।
अमेरिका में सिक्योरिटीज रेगुलेटर SEC के
बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को स्वीकृति देने से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में RBI के गवर्नर Shaktikanta Das ने कहा था, "क्रिप्टोकरेंसीज पर चाहे कोई कुछ भी करे लेकिन RBI और मेरी पोजिशन नहीं बदली है। इमर्जिंग मार्केट्स की इकोनॉमी के लिए यह एक बड़ा खतरा है और इस पर आगे जाकर नियंत्रण करना बहुत मुश्किल होगा।" दास का कहना था कि क्रिप्टोकरेंसीज के साथ कोई वैल्यू नहीं जोड़ी और इससे मैक्रोइकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्थिरता को खतरा हो सकता है। RBI ने क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में कुछ वर्ष पहले एक सर्कुलर जारी कर उसके रेगुलेशंस के तहत आने वाली एंटिटीज पर ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में डील करने को लेकर रोक लगाई थी। हालांकि, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने RBI के इस सर्कुलर को खारिज कर दिया था। पिछले वर्ष होम मिनिस्टर अमित शाह ने क्रिप्टो से जुड़े रिस्क को डायनामाइट के विस्फोट जैसा खतरनाक बताया था। उन्होंने कहा था कि इससे निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एक साझा स्ट्रैटेजी बनाने की जरूरत है।