Bitcoin की कीमत भले ही पिछले एक साल की तुलना में 92 प्रतिशत बढ़ गई है और वर्तमान में इसकी मार्केट कैपिटलाइजेशन 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 75,87,463 करोड़ रुपये) से अधिक है, लेकिन फिर भी कॉर्नेल विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीति के प्रोफेसर और लेखक ईश्वर प्रसाद का मानना है कि दुनिया की यह सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी अधिक समय तक टिकी नहीं रह सकती है। प्रसाद ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि एफिशिएंसी की कमी और भुगतान के तरीके के रूप में इसे इस्तेमाल करने में असमर्थता के कारण बिटकॉइन अस्तित्व से बाहर हो सकता है।
प्रसाद का मानना है कि Bitcoin की कोई मौलिक वैल्यू नहीं है, क्योंकि यह एक्सचेंज के उपयुक्त माध्यम के रूप में काम नहीं कर सकता है। उन्होंने CNBC को दिए एक
इंटरव्यू में कहा "बिटकॉइन का ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग बहुत कुशल नहीं है। यह लेनदेन के लिए एक ऐसे वैलिडेशन मैकेनिज़्म का इस्तेमाल करता है, जो पर्यावरण के लिए खतरनाक है।"
प्रसाद ने आगे कहा कि बिटकॉइन के दिन गिने जा सकते हैं, और ब्लॉकचेन बिटकॉइन की सबसे बड़ी विरासत बन जाएगी। भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री का मानना है कि ब्लॉकचेन के साथ डिसेंट्रलाइज्ड फंडिंग का वादा वास्तविक है, लेकिन बिटकॉइन खुद लंबे समय तक नहीं चल सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि बिटकॉइन ने पेमेंट में "एक क्रांति शुरू कर दी है।" उन्होंने इस बात को इस तथ्य का हवाला देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक अब अपनी डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए दौड़ रहे हैं।
प्रसाद पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसंधान विभाग में वित्तीय अध्ययन विभाग के प्रमुख और IMF के चीन डिवीजन के प्रमुख रह चुके हैं। उन्होंने भी पैसे एक्सचेंज करने के एक अधिक कुशल तरीके को बनाने के लिए फिएट-लिंक्ड स्टेबल-कॉइन को बढ़ावा दिया है।
Bitcoin की वैल्यू और लोकप्रियता 12 साल पहले इसकी स्थापना के बाद से बस बढ़ ही रही है, लेकिन यह कॉइन हाल के कुछ महीनों में काफी अस्थिर भी रहा। सबसे बड़ी डिजिटल करेंसी की कीमत (Bitcoin price in India) वर्तमान में $48,792 (लगभग 37.02 लाख रुपये) है। क्रिप्टोकरेंसी ने अब तक 92% की छलांग लगाई है, लेकिन पिछले महीने में लगभग 22% की गिरावट आई है।