बिटकॉइन से सरकारों को मिल सकती है लो कॉस्ट CBDC बनाने में मदद, Deloitte की स्टडी 

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जल्द CBDC जारी करने वाली सरकारों को अधिक फायदा हो सकता है क्योंकि इससे उनकी करेंसी का इंटरनेशनल मार्केट में प्रभाव बढ़ने की संभावना है

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शॉमिक सेन भट्टाचार्जी, अपडेटेड: 16 मार्च 2022 20:58 IST
ख़ास बातें
  • CBDC को ब्लॉकचेन नेटवर्क पर बनाया जाता है
  • कैरिबियाई देश जमैका की डिजिटल करेंसी जल्द लॉन्च हो रही है
  • CBDC से ट्रांजैक्शंस तेजी से होने और कॉस्ट घटने की उम्मीद है

CBDC को सेंट्रल बैंक रेगुलेट करते हैं और इससे इनसे जुड़ी ट्रांजैक्शंस सेंट्रलाइज्ड होती हैं

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को कम कॉस्ट और अधिक सुरक्षा के साथ तैयार करने में बिटकॉइन एक शक्तिशाली टूल हो सकता है। फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी Deloitte की एक स्टडी में करेंसी के मौजूदा इकोसिस्टम में बड़ा बदलाव करने की जरूरत बताई गई है। बहुत से देशों की सरकारें अपनी CBDC लॉन्च करने की संभावना तलाश रही हैं। CBDC से ट्रांजैक्शंस तेजी से होने और कॉस्ट घटने की उम्मीद है।

"स्टेट स्पॉन्सर्ड क्रिप्टोकरेंसी" शीर्षक वाली रिपोर्ट में बिटकॉइन और सरकार की ओर से जारी की जाने वाली CBDC में कई अंतर बताए गए हैं। इसमें कहा गया है कि CBDC के साथ सरकार को करेंसी जारी करने के लिए किसी लिमिट का पालन नहीं करना होगा। रिपोर्ट में बिटकॉइन को लेकर कुछ मुश्किलों की जानकारी भी दी गई है। इसमें कहा गया है, "बिटकॉइन का इस्तेमाल बढ़ने पर एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध व्यापार से जुड़े सरकार के नियमों के पालन को पक्का करना होगा। इसके अलावा वैल्यू में उतार-चढ़ाव और इस्तेमाल में मुश्किलों जैसी आशंकाएं भी होंगी।"

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जल्द CBDC जारी करने वाली सरकारों को अधिक फायदा हो सकता है क्योंकि इससे उनकी करेंसी का इंटरनेशनल मार्केट में प्रभाव बढ़ने की संभावना है। बहुत से देश CBDC लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, इनकी सफलता इस पर निर्भर होगी कि इनका इस्तेमाल कितना बढ़ता है। बिटकॉइन की संभावनाओं पर रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे मौजूदा पेमेंट्स सिस्टम में बदलाव हो सकता है और इसके पहले से तेज, अधिक सुरक्षित बनने के साथ ही इसकी कॉस्ट कम होने का अनुमान है। 

CBDC को ब्लॉकचेन नेटवर्क पर बनाया जाता है और यह क्रिप्टोकरेंसी की तरह होती है। हालांकि, CBDC को सेंट्रल बैंक रेगुलेट करते हैं और इससे इनसे जुड़ी ट्रांजैक्शंस सेंट्रलाइज्ड होती हैं और इनका पता लगाया जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसीज की ट्रांजैक्शंस डीसेंट्रलाइज्ड होती हैं। अमेरिका में डिजिटल एसेट्स पर एग्जिक्यूटिव ऑर्डर में फेडरल रिजर्व से इस पर विचार करने को कहा गया है कि उसे अपनी डिजिटल करेंसी जारी करनी चाहिए या नहीं। कैरिबियाई देश जमैका की डिजिटल करेंसी जल्द लॉन्च हो रही है। Jam-Dex कही जाने वाली इस डिजिटल करेंसी के शुरुआती एक लाख यूजर्स को अतिरिक्त 16 डॉलर (लगभग 1,200 रुपये) का फायदा मिलेगा। जमैका की सरकार ने इस डिजिटल करेंसी की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए इंसेंटिव देने की स्ट्रैटेजी बनाई है।
 
 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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ये भी पढ़े: Crypto, Bitcoin, Government, CBDC, Users, Regulations, America, System
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