Russia Luna 25 Mission Crashed : रूस का मून मिशन ‘लूना-25' (Luna-25) नाकाम हो गया है। एपी की
रिपोर्ट के अनुसार, रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) ने रविवार को बताया कि उसका लूना-25 स्पेसक्राफ्ट अनियंत्रित कक्षा (uncontrolled orbit) में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। बीते 47 साल में यह रूस का पहला मून मिशन था। आखिरी बार उसने 1976 में चांद पर लूना-24 मिशन भेजा था। तब वह सोवियत यूनियन का हिस्सा था।
एक दिन पहले ही रोस्कोस्मोस की ओर से बताया गया था कि लैंडिंग से पहले लूना-25 को कुछ तकनीकी समस्याएं आने लगी थीं। एक बयान में रोस्कोस्मोस ने कहा कि उपकरण एक अप्रत्याशित कक्षा में चला गया और चंद्रमा की सतह से टकराने के बाद उसका अस्तित्व खत्म हो गया।
यह एक ‘असामान्य स्थिति' (abnormal situation) थी। हालात तब पैदा हुए, जब शनिवार को रोस्कोस्मोस ने लूना-25 स्पेसक्राफ्ट को प्री-लैंडिंग ऑर्बिट में ले जाने की कोशिश की। गौरतलब है कि रूस की तैयारी 21 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग करने की थी। हालांकि ऐसा नहीं हो पाया है और लूना-25 स्पेसक्राफ्ट क्रैश हो गया है।
जाहिर तौर पर इस खबर ने करोड़ों भारतीयों को चिंतित किया है, क्योंकि भारत का
चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) मिशन भी चंद्रमा के एकदम करीब पहुंच गया है और 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की जाएगी। हालांकि भारतीय स्पेस एजेंसी मिशन की कामयाबी को लेकर आश्वस्त दिखाई दे रही है। इसरो चीफ एस. सोमनाथ एक बयान में कह चुके हैं कि चंद्रयान-3 का लैंडर ‘विक्रम' 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग' करने में सक्षम होगा, भले ही इसके सभी सेंसर और दोनों इंजन काम न करें।
शनिवार देर रात करीब 2 बजे इसरो ने चंद्रयान3 के लैंडर मॉड्यूल (LM) यानी विक्रम लैंडर को चांद की कक्षा में थोड़ा और नीचे पहुंचा दिया। अब विक्रम लैंडर और चांद के बीच न्यूनतम दूरी घटकर सिर्फ 25 किलोमीटर रह गई है। इसरो ने कहा है कि लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) वाले लैंडर मॉड्यूल के 23 अगस्त की शाम को चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की उम्मीद है।