Chandrayaan-3 : इसरो ने पूरी की 24 घंटों की लॉन्‍च रिहर्सल, अब रॉकेट उड़ने का इंतजार

Chandrayaan-3 : चंद्रयान-3 मिशन का मकसद मून लैंडर को सफलतापूर्वक चांद पर उतारना और उसके वहां घूमने की क्षमता को दिखाना है।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 12 जुलाई 2023 08:52 IST
ख़ास बातें
  • चंद्रयान-3 मिशन को इस शुक्रवार दोहपर 2.35 बजे लॉन्‍च किया जाएगा
  • मिशन से जुड़ी 24 घंटों की लॉन्‍च रिहर्सल इसरो ने पूरी कर ली है
  • चंद्रयान-3 मिशन का अहम पड़ाव चंद्रमा पर लैंडिंग करना है

चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई की दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्‍च किया जाएगा।

Photo Credit: ISRO

चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन की लॉन्चिंग से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 24 घंटों की लॉन्‍च रिहर्सल को पूरा कर लिया है। इस प्रक्रिया में मिशन से जुड़ी सभी तैयारियों का जाएजा लिया जाता है। माहौल को लॉन्‍च के जैसा बनाया जाता है, ताकि मिशन वाले दिन कोई रुकावट ना आए। लॉन्‍च रिहर्सल में वो सभी काम किए जाते हैं, जो इस शुक्रवार को होंगे। सिर्फ रॉकेट नहीं उड़ाया जाता। चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई की  दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्‍च किया जाएगा। 

मंगलवार को एक ट्वीट में इसरो ने बताया कि 24 घंटे की लॉन्‍च रिहर्सल पूरी हो गई है। एजेंसी ने मिशन से जुड़ी नई तस्‍वीरें भी शेयर की हैं। चंद्रयान-3 साल 2019 में लॉन्‍च किए गए चंद्रयान-2 का फॉलोअप मिशन है। इसका मकसद मून लैंडर को सफलतापूर्वक चांद पर उतारना और उसके वहां घूमने की क्षमता को दिखाना है। 

इससे पहले सोमवार को इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया था कि चंद्रयान-3 मिशन में वो गलतियां नहीं होंगी, जो चंद्रयान-2 मिशन में हुई थीं और जिनकी वजह से लैंडर, चांद पर नहीं उतर पाया था। एस सोमनाथ ने बताया था कि 2019 में जब लैंडर ‘विक्रम' ने चांद की सतह पर तय 500मीटर x 500 मीटर के लैंडिंग प्‍लेस पर उतरना शुरू किया तो उसके वेग को धीमा करने के लिए डिजाइन किए गए इंजनों में उम्मीद से ज्‍यादा बल विकसित हो गया।

एस सोमनाथ ने कहा कि अधिक बल जेनरेट होने से कुछ ही समय में मिशन में एरर्स आ गए थे। उसके बाद यान तेजी से मुड़ने लगा, तो उसके मुड़ने की क्षमता सॉफ्टवेयर से कंट्रोल हो गई। इसरो के मुताबिक उसने ऐसे हालात की उम्‍मीद नहीं की थी। चंद्रयान-2 मिशन की लैंडिंग नहीं हो पाने की एक और वजह 500 मीटर x 500 मीटर की वह छोटी जगह थी, जहां लैंडर को उतरना था।  

चंद्रयान-2 के एरर्स से सीखते हुए इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को और पुख्‍ता बनाया है। ना सिर्फ लैंडिंग एरिया को बढ़ाया गया है, बल्कि सॉफ्टवेयर को ऐसे तैयार किया गया है कि मिशन दूसरी जगह पर भी लैंड कर सकता है। 
Advertisement

 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. सोशल मीडिया पर Nano Banana फोटो ट्रेंड ने मचाया तहलका, मुख्यमंत्री भी नहीं रहे पीछे, ऐसे बनाएं अपनी 3D फिगरिन्
  2. Flipkart Big Billion Days Sale: Google Pixel 9 पर 45 हजार का डिस्काउंट, Pixel 10 पर होगी भारी बचत
  3. HMD ने भारत में लॉन्च किए 101 4G और 102 4G फीचर फोन, ड्यूल सिम सपोर्ट, QVGA कैमरा के साथ इन फीचर्स से लैस
#ताज़ा ख़बरें
  1. गाजा में हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले वर्कर्स को बाहर करेगी Microsoft
  2. Vivo X300 सीरीज अगले महीने हो सकती है लॉन्च, Pro मॉडल में होगा 6.78 इंच डिस्प्ले
  3. Samsung के Galaxy Tab S10 Lite की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  4. 50 मेगापिक्सल कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ Sony Xperia 10 VII लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  5. Moto Pad 60 Neo भारत में हुआ लॉन्च, 7,040mAh की बैटरी, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  6. India vs Pakistan Asia Cup देखना है फोन पर तो इतना आएगा खर्च, Sony LIV के प्लान्स के बारे में जानें
  7. Nothing Ear 3 के डिजाइन का खुलासा, केस में मिलेगा माइक्रोफोन और टॉक बटन
  8. iOS 26 कब होगा जारी, कौन से आईफोन करेंगे सपोर्ट, जानें फीचर्स से लेकर सबकुछ
  9. सोशल मीडिया पर Nano Banana फोटो ट्रेंड ने मचाया तहलका, मुख्यमंत्री भी नहीं रहे पीछे, ऐसे बनाएं अपनी 3D फिगरिन्स फोटो
  10. HMD ने भारत में लॉन्च किए 101 4G और 102 4G फीचर फोन, ड्यूल सिम सपोर्ट, QVGA कैमरा के साथ इन फीचर्स से लैस
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.