Chandrayaan 3 Landing: शाम 5:44 बजे से शुरू होगा सबसे मुश्किल सफर! ISRO ने क्‍यों चुना यह वक्‍त? जानें

Chandrayaan 3 Landing Time : विक्रम लैं‍डर की लैंडिंग के लिए जो जगह फाइनल होगी, वहां पर सूर्योदय होने तक इंतजार करना होगा।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 23 अगस्त 2023 13:55 IST
ख़ास बातें
  • चंद्रयान 3 मिशन आज चांद पर लैंड करने की कोशिश करेगा
  • शाम 5 बजकर 44 मिनट से यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी
  • इसरो के कमांड सेंटर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं

इसरो के कमांंड सेंटर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

Photo Credit: ISRO

Chandrayaan 3 मिशन की लैंडिंग का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, देश की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं। भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) के अनुसार आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश (Chandrayaan 3 Landing Time) करेगा। उससे पहले शाम 5:44 बजे से सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। आखिर इसरो ने इसी वक्‍त को क्‍यों चुना है? आइए जानते हैं। 

भारतीय स्‍पेस एजेंसी के अनुसार, विक्रम लैं‍डर की लैंडिंग के लिए जो जगह फाइनल होगी, वहां पर सूर्योदय होने तक इंतजार करना होगा। यही वजह है कि चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने के लिए प्रक्रिया बुधवार शाम लगभग 5:44 बजे शुरू होने की उम्मीद है।

इससे पहले इसरो ने मंगलवार को कहा था कि मिशन तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है। सभी सिस्‍टमों की रेगुलर जांच की जा रही है। मिशन सही दिशा में काम कर रहा है। इसरो ने यह भी बताया था कि उसके टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) स्थित मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) में उत्साह का माहौल है।
 

…तो 27 अगस्‍त तक टल सकती है लैंडिंग 

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इसरो के स्‍पेस ऐप्‍ल‍िकेशन सेंटर के डायरेक्‍टर नीलेश देसाई बता चुके हैं कि 23 अगस्त को लैंडर मॉड्यूल के टेक्‍निकल स्‍टैंडर्ड ‘‘असामान्य'' पाए गए, तो लैंडिंग को 27 अगस्‍त का टाला जा सकता है। 
 

15 Minutes of terror क्‍या है? जानें 

Chandrayaan-3 मिशन की सबसे बड़ी चुनौती आखिरी के 15 से 17 मिनट हैं। इसे 15 Minutes of terror कहा जाता है। रिपोर्टों के अनुसार, इस समय पर विक्रम लैंडर खुद ही अपने सफर को पूरा करता है। उसे ISRO से कोई कमांड नहीं मिलती। यानी विक्रम लैंडर को खुद सही वक्‍त, दूरी और फ्यूल के सही इस्‍तेमाल का आकलन करना होगा। 
 

लैंडिंग से 150 मीटर पहले खुल जाएंगे कैमरे 

इसरो के मुताबिक, विक्रम लैंडर को लैंडिंग की कमांड मिलते ही वह नीचे उतरना शुरू कर देगा। जब लैंडर 6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर होगा, तब सिर्फ 2 इंजनों का इस्‍तेमाल किया जाएगा। बाकी 2 को बंद कर दिया जाएगा। लैंडर जब 150 से 100 मीटर की ऊंचाई पर होगा, तब उसके सेंसर और कैमरे काम करने लगेंगे। वह देखेंगे कि साइट पर कोई परेशानी तो नहीं है। उसके बाद लैंडिंग पूरी की जाएगी। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. AI से 80% नौकरियों को खतरा, BPO और IT सेक्टर पर पड़ेगा सबसे बड़ा असर, जानें इस एक्सपर्ट ने क्या कहा
  2. Infinix Hot 60i 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo T4R 5G vs Samsung Galaxy F36 5G vs Moto G96 5G: जानें 20 हजार में कौन सा फोन है बेस्ट
  2. लैपटॉप की बैटरी लंबे समय तक चलाने के लिए ये टिप्स करें फॉलो
  3. घर बैठे कैसे निकालें PF का पैसा, मिनटों में होगा काम, जानें प्रक्रिया
  4. AI से 80% नौकरियों को खतरा, BPO और IT सेक्टर पर पड़ेगा सबसे बड़ा असर, जानें इस एक्सपर्ट ने क्या कहा
  5. ये हैं 7000mAh+ बैटरी वाले धांसू स्मार्टफोन, बार-बार चार्ज करने के झंझट से मिल जाएगा छुटकारा
  6. Realme 15 Pro का Game of Thrones एडिशन जल्द हो सकता है लॉन्च
  7. टैबलेट की बढ़ी डिमांड, Apple का पहला स्थान बरकरार
  8. Infinix Hot 60i 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  9. दिल्ली मेट्रो टिकट घर बैठे कैसे करें बुक, Uber के जरिए ऑनलाइन होगी बुकिंग
  10. iQOO Z10R 5G vs Moto G96 5G vs Samsung Galaxy F36 5G: खरीदने से पहले देखें कौन रहेगा बेहतर
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.