चीन ने WhatsApp और Threads को Apple App Store से हटाया, जानें कारण

चीन पहले भी विदेशी डेवलपर्स को लेकर सख्त रहा है, जहां वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) के उपयोग के बिना विभिन्न विदेशी ऐप्स और प्लेटफार्मों को एक्सेस करना प्रतिबंधित है।

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Written by नितेश पपनोई, अपडेटेड: 19 अप्रैल 2024 17:46 IST
ख़ास बातें
  • चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए ऐप्स को हटाया
  • Apple ने स्थानीय कानूनों का पालन करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया
  • Meta ने कहा कि बदलाव केवल चीन तक सीमित है
चीन में Apple के ऐप स्टोर में एक बड़ा और हैरान करने वाला बदलाव देखा गया है, क्योंकि Meta के स्वामित्व वाले WhatsApp और Threads को स्टोर से हटा दिया गया है। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए चीन के टॉप इंटरनेट रेगुलेटर, साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना (CAC) ने लिया है। जवाब में, Apple ने उन देशों में स्थानीय कानूनों का पालन करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जहां वह काम करता है, भले ही असहमति हो। 

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट (via NDTV) के मुताबिक, चीन में Apple App Store से WhatsApp और Threads को हटा दिया गया है। हैरानी इस बात की है कि देश के इंटरनेट रेगुलेटर ने दोनों ऐप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए हटाया है। इस बदलाव के बाद टेक दिग्गज ने स्पष्ट किया कि यह निष्कासन केवल चीन पर लागू होता है, जबकि ऐप्स अन्य क्षेत्रों में डाउनलोड के लिए उपलब्ध रहेंगे।

चीन पहले भी विदेशी डेवलपर्स को लेकर सख्त रहा है, जहां वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) के उपयोग के बिना विभिन्न विदेशी ऐप्स और प्लेटफार्मों को एक्सेस करना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद, समझदार यूजर्स ऐप्पल के ऐप स्टोर के जरिए प्रतिबंधित प्लेटफार्मों तक पहुंचने के कई अन्य तरीके अकसर ढूंढ ही लेते हैं।

Apple के लिए चीन एक महत्वपूर्ण मार्केट है, हालांकि सेंसरशिप और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों ने वहां इसके संचालन को लगातार चुनौती दी है। WhatsApp और Threads को हटाने का यह कदम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बीजिंग और वाशिंगटन के बीच चल रहे तनाव की ओर इशारा करता है।

इस कार्रवाई के समय पर ध्यान देने की जरूरत है, जब अमेरिका में चीनी स्वामित्व वाले ऐप्स को कड़ी जांच झेलनी पड़ रही है। चीन ने अमेरिका द्वारा उसकी तकनीकी प्रगति को बाधित करने के प्रयासों के खिलाफ लगातार कदम उठाए हैं और इस तरह की कार्रवाइयों को उसकी आर्थिक उन्नति को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा बताया है।
 

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