Google को चकमा देकर TikTok हासिल कर रहा था एंड्रॉयड यूज़र्स की अहम जानकारी

Android यूज़र्स के मैक एड्रेस एकत्र करने के लिए TikTok द्वारा उपयोग की जाने वाली रणनीति Google की पॉलिसी का उल्लंघन करती है।

विज्ञापन
जगमीत सिंह, अपडेटेड: 12 अगस्त 2020 18:47 IST
ख़ास बातें
  • 2015 में गूगल ने ऐप्स को मैक एड्रेस एकत्र करने से किया था प्रतिबंधित
  • फिर भी TikTok ने 15 महीनों तक किया डिवाइसों के आइडेंटिफायर्स को एकत्रित
  • टिकटॉक का दावा कि नवंबर में अपडेट के जरिए बंद कर दिया था प्रोसेस

हाल ही में TikTok को भारत में बैन कर दिया गया है

TikTok के एंड्रॉयड ऐप ने कथित तौर पर कम से कम 15 महीनों तक लाखों मोबाइल डिवाइसों से यूनिक आइडेंटिफायर्स एकत्र किए, जो पिछले साल नवंबर में एक अपडेट जारी करने के साथ समाप्त हो गया। यह यूनिक आइडेंटिफ़ायर्स, जिसे मीडिया एक्सेस कंट्रोल (मैक) एड्रेस कहा जाता है, मुख्य रूप से व्यक्तिगत विज्ञापनों को प्रस्तुत करने के उपयोग किया जाता है। यह नई जानकारी उस समय सामने आती है, जब कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा देश में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के लिए आदेश पारित किया। ऐप पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकी सरकार पर नज़र रखने में मदद करने का आरोप है।

The Wall Street Journal की रिपोर्ट के अनुसार, Android यूज़र्स के मैक एड्रेस एकत्र करने के लिए TikTok द्वारा उपयोग की जाने वाली रणनीति Google की पॉलिसी का उल्लंघन करती है। कहा जाता है कि चीनी इंटरनेट कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म ने 18 नवंबर को जारी किए एक अपडेट के जरिए इस रणनीति को समाप्त कर दिया था।

2013 में, Apple ने थर्ड-पार्टी के ऐप डेवलपर्स को iPhone यूज़र्स के मैक एड्रेस एकत्र करने से रोका था। Google ने 2015 में उस सूट का अनुसरण किया और Google Play पर मौजूद ऐप्स को यूज़र्स के मैक एड्रेस और IMEI नंबर सहित "व्यक्तिगत रूप से पहचाने जाने योग्य डिवाइस आइडेंटिफायर्स" को एकत्र करने से प्रतिबंधित कर दिया। हालांकि, TikTok ने कथित तौर पर "सीर्केट तरीका" अपनाया और एक अलग रणनीति का उपयोग करके Google के प्रतिबंध को दरकिनार कर दिया।

इस खोज का समय काफी दिलचस्प है, क्योंकि भारत सरकार ने जून के अंत में TikTok पर प्रतिबंध लगा दिया था और अमेरिका भी इस कदम को दोहराना चाह रहा है। पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा पारित आदेश ऐप को Apple App Store और Google Play दोनों से हटा सकता है और साथ ही प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन को अवैध बना सकता है। वहीं, दूसरी ओर इसके विपरीत Microsoft जैसी कंपनियां बाजार में TikTok की विशिष्ट उपस्थिति का उपयोग करने के लिए TikTok के ग्लोबल ऑपरेशन को हथियाने में रुचि दिखा रही हैं।

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , TikTok, TikTok ban, TikTok data theft
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. 29 हजार से भी सस्ता मिल रहा OnePlus का 50MP कैमरा, 6800mAh बैटरी वाला धांसू स्मार्टफोन
  2. Xiaomi 17 के इंटरनेशनल मार्केट में लॉन्च की तैयारी, NBTC पर हुई लिस्टिंग
#ताज़ा ख़बरें
  1. Bitcoin में गिरावट का रिस्क, Standard Chartered ने आधा किया प्राइस का टारगेट
  2. Starlink क्या है, कैसे करता है काम? भारत में इसकी कीमत से लेकर फायदे–कमियों तक, यहां समझें सब कुछ
  3. Vivo X300 सीरीज की सेल आज से शुरू, बंपर डिस्काउंट के साथ 1 साल की एक्सटेंड वारंटी और ऐसे फायदे
  4. Xiaomi 17 के इंटरनेशनल मार्केट में लॉन्च की तैयारी, NBTC पर हुई लिस्टिंग
  5. Realme 16 Pro सीरीज का लॉन्च कंफर्म, बड़ी बैटरी, धांसू कैमरा से होगी लैस!
  6. मात्र 199 रुपये में Gemini 3 Pro का एक्सेस, Gmail, Photos के लिए 200GB स्टोरेज, जानें क्या है Google का गजब प्लान
  7. Hero MotoCorp ने Ola Electric को पीछे छोड़ा, Bajaj दूसरे नंबर पर, जानें कौन रहा टॉप पर?
  8. Amazon भारत में लाएगी 14 लाख नौकरियां! बड़े निवेश की घोषणा
  9. जापान के पास है भूकंप अलर्ट सिस्टम, पहले ही कर देता है लोगों को सचेत, क्या भारत में भी है ऐसी सुविधा?
  10. Poco X8 Pro जल्द होगा भारत में लॉन्च, BIS वेबसाइट पर लिस्टिंग
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.