रिलायंस जियो लगातार खबरों में बनी हुई है और कंपनी से जुड़ी खबरें थमने का नाम नहीं ले रहीं। अब, रिलायंस जियो एक अलग कारण से सुर्खियों में छाई हुई है। हैकिंग समूह एनॉनिमस के हैकरों ने दावा किया है कि रिलायंस जियो ऐप से यूज़र कॉल डेटा को विदेशों में में लीक किया जा रहा है।
एनॉनिमस इंडिया (@redteamin) का
दावा है कि रिलायंस जियो यूज़र का डेटा अमेरिका और सिंगापुर की कंपनियों की कुछ कंपनियों के साथ साझा रही है। और इस प्रक्रिया को यूज़र द्वारा वेरिफाई करने के लिए विस्तृत गाइड भी जारी की है।
हालांकि हम इस डेटा को वेरिफाई करने में असफल रहे, लेकिन इस समूह ने कुछ
मीडिया घरानों को सूचना दी है कि माय जियो और जियो डायलर ऐप उन ऐप में शामिल हैं जिनसे मैड-मी नाम के एक नेटवर्क को जानकारी भेजी जा रही है। इस समूह ने आगे बताया कि इन कंपनियों को भेजा गया डेटा इनक्रिप्टेड है जिसका मतलब है कि इस डेटा को रोकने का मौका किसी के पास बहुत कम हैं।
इस हैकर समूह द्वारा साझा किए गए स्क्रीनशॉट से कथित तौर पर यह साबित होता है कि यूज़र डेटा को विदेशी कंपनियों के साथ साझा किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ''इस स्क्रीनशॉट से साफ होता है कि जियो ऐप में थर्ड पार्टी एसडीके का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि एसडीके द्वारा डेटा जुटाने की ना तो वेरिफिकेशन की जा रही है और ना ही यह पता है कि यह डेटा कहां जा रहा है। इससे यूज़र प्राइवेसी (एसआईसी) का उल्लंघन होता है।''
इन आरोपों के जवाब में जियो इन्फोकॉम (आरजेआईएल) ने गैज़ेट्स 360 को ईमेल के जरिए एक बयान में बताया कि, ''जियो अपने ग्राहकों की सुरक्षा और निज़ता को बेहद गंभीरता से लेती है। काम करने के उच्च स्तरीय मापदंड को ध्यान में रखते हुए रिलायंस जियो किसी भी कंपनी के साथ अपने उपभोक्ता के डेटा साझा नहीं करती। जियो द्वारा इकट्ठा की गई कोई भी जानकारी आंतरिक विश्लेषण के लिए होती है ताकि जियो के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो बेहतर सेवा और ऑफर दे सकें।''
करीब एक साल पहले, एनॉनिम्स ने आरजेआईएल पर जियो चैट ऐप ऐप से चीन के सर्वर पर डेटा भेजने का आरोप लगाया था। तब कंपनी ने इन आरोपों को नकार दिया था और इसे 'जियो चैट ऐप के खिलाफ निराधार और दुर्भावनापूर्ण' करार दिया था।