स्‍मार्टफोन की लत से छोटे बच्चों को बचाने के लिए चीन ने एजुकेशन ऐप्‍स को किया बैन

जो ऐप्‍स बड़े स्‍टूडेंट्स को टार्गेट कर रहे हैं, उन्‍हें भी किसी निगेटिव जानकारी से बचना होगा। ऐसे ऐप्‍स को अपने प्‍लेटफॉर्म पर गेमिंग लिंक या विज्ञापन को शामिल नहीं करना होगा।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 13 मई 2022 18:01 IST
ख़ास बातें
  • चीन की एजुकेशन अथॉरिटीज प्राइवेट ट्यूटर्स पर कार्रवाई कर रही हैं
  • प्री-स्‍कूल बच्‍चों पर फोकस करने वाले ऐप्‍स पर हो रही कार्रवाई
  • एक तरह से चीन में प्राइवेट ट्यूशन पर बैन लगा दिया गया है

चीन में ये नियम फरवरी में ही आ गए थे और अब उन पर एक्‍शन लिया जा रहा है, जो नियमों का उल्‍लंघन कर रहे हैं।

चीन की एजुकेशन अथॉरिटीज प्राइवेट ट्यूटर्स पर कार्रवाई कर रही हैं। इसी क्रम में देश में उन नए एजुकेशन ऐप्‍स को बैन कर दिया गया है, जो प्री-स्‍कूल बच्‍चों पर फोकस करते हैं। जो ऐप मौजूद हैं भी, उन्‍हें भी हटाने की कार्रवाई की जा रही है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बच्‍चों के स्‍क्रीन टाइम को करने और स्‍मार्टफोन की लत को कम करने के लिए चीनी अथॉरिटीज की तरफ से यह कदम उठाए जा रहे हैं। खासतौर पर उन मोबाइल ऐप्‍स को बैन किया जा रहा है, जो प्री-स्‍कूल जाने वाले बच्‍चों को टार्गेट करते हैं। 

एक न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, एजुकेशन क्‍वॉलिटी में सुधार लाने के लिए पिछले साल जुलाई में चीनी अधिकारियों ने प्रॉफ‍िट कमाने वालीं ट्यूशन सर्विस पर बैन लगाने का ऐलान किया था। चीन में प्राइवेट ट्यूशन पर बैन लगा दिया गया है। इससे प्राइवेट एजुकेशन सेक्‍टर को भारी झटका लगा है, जिसकी वैल्‍यू 120 अरब डॉलर (करीब 9,28,630 करोड़ रुपये) है। चीन को उम्‍मीद है कि इस क्षेत्र में जल्‍द सुधार देखने को मिलेगा। उसका मानना है कि प्राइवेट ट्यूशन के सेक्‍टर में पूंजीवाद अपना कब्‍जा जमा चुका है। 

नए नियमों के अनुसार, जो ऐप्‍स बड़े स्‍टूडेंट्स को टार्गेट कर रहे हैं, उन्‍हें भी किसी निगेटिव जानकारी से बचना होगा। ऐसे ऐप्‍स को अपने प्‍लेटफॉर्म पर गेमिंग लिंक या विज्ञापन को शामिल नहीं करना होगा। चीन में ये नियम फरवरी में ही आ गए थे और अब उन पर एक्‍शन लिया जा रहा है, जो नियमों का उल्‍लंघन कर रहे हैं। 

एशिया फाइनेंशियल ने कहा कि चीन के इस कदम के कारण न्यू यॉर्क में लिस्‍टेड चीनी ट्यूटरिंग फर्म- न्यू ओरिएंटल एजुकेशन एंड टेक्‍नॉलजी ग्रुप ने अपने कर्मचारियों की संख्या में 60,000 की कटौती की है। इसके शेयरों में भी भारी गिरावट आई है। चीन में पिछले साल कई सेक्‍टरों को लेकर रेगुलेशन लगाए गए थे, उनमें से प्राइवेट ट्यूशन का सेक्‍टर भी शामिल था। प्राइवेट ट्यूशंस पर बैन लगाने की वजह से चीन में इस सेक्‍टर को 120 अरब डॉलर (लगभग 9,28,630 करोड़ रुपये) का भारी झटका लगा है।

रिपोर्टों में बताया गया है कि चीन की प्राइवेट एजुकेशन फर्म्‍स अब अपना आईपीओ नहीं ला सकेंगी और विदेशी टीचर्स की हायरिंग भी नहीं कर सकेंगी। 
 
 

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ये भी पढ़े: China, Education apps, Apps, apps ban, Pre school, childrens

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