दुनिया की बड़ी टेक कंपनी ऐपल (Apple) को झटका लगा है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) यानी CCI ने ऐप स्टोर पर अनुचित बिजनेस प्रैक्टिस को लेकर Apple के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। आरोप है कि ऐपल मार्केट में अपनी पोजिशन का दुरुपयोग करती है। अपने 20 पेज के आदेश में CCI ने कहा है कि ऐपल का ऐप स्टोर, ऐप डेवलपर्स के लिए iOS यूजर्स को ऐप डिस्ट्रिब्यूट करने का इकलौता जरिया है। ऐप स्टोर हर आईफोन और आईपैड पर पहले से इंस्टॉल है। थर्ड पार्टी ऐप स्टोर को ऐपल के ऐप स्टोर पर लिस्ट करने की इजाजत नहीं है। ऐपल की ओर से लगाए गए ये बैन iOS के लिए ऐप स्टोर मार्केट को लगभग बंद कर देते हैं।
CCI के अनुसार, पहली नजर में यह प्रतिस्पर्धा मानकों का उल्लंघन है और संभावित ऐप डिस्ट्रीब्यूटर्स व ऐप स्टोर डेवलपर्स को मार्केट में पहुंच बनाने से रोकता है। इन कारणों का हवाला देते हुए नियामक ने अपने डायरेक्टर जनरल (DG) द्वारा विस्तृत जांच का आदेश दिया है।
Apple ने CCI की जांच पर पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया।
CCI ने कहा है कि यूजर्स तक पहुंचने के लिए ऐप डेवलपर्स, ऐपल के ऐप स्टोर पर निर्भर हैं और यूजर भी ऐप डाउनलोड करने के लिए ऐप स्टोर पर भी निर्भर हैं। CCI का मानना है कि ऐपल भारत में ऐप स्टोर मार्केट में एकाधिकार रखता है। ऐप डेवलपर्स उस पर निर्भर हैं, जिस वजह से उन्हें ऐपल के नॉन-नेगोशिएबल नियमों को मानना पड़ता है।
Apple का यह दावा कि मार्केट में उसकी सिर्फ 0-5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, CCI ने कहा है कि Apple का दृष्टिकोण पूरी तरह गलत है। इसकी वजह यह है कि मौजूदा मामले में ऐपल की ओर से ऐप डेवलपर्स पर कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी बैन लगाए गए हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ऐपल ने अपनी ताकत का दुरुपयोग किया है।
वहीं, ऐपल ने तर्क दिया है कि शिकायतकर्ता उन पार्टियों के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिनके साथ ग्लोबल लेवल पर कंपनी के विवाद चल रहे हैं। यह शिकायत NGO, Together We Fight Society ने दर्ज कराई थी। इस पूरे मामले में 60 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट दी जानी है।
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