Aarogya Setu app ने 10 करोड़ रजिस्टर यूज़र्स की संख्या को लॉन्च के महज 41 दिनों में ही पार कर लिया है। यह ऐप 2 अप्रैल को लॉन्च किया गया था। सरकार द्वारा लॉन्च किया गया यह ऐप कोरोना वायरस संक्रमित लोगों पर निगरानी रखने और स्वस्थ लोगों को उनसे सचेत करने के लिए बनाया गया था, हालांकि इस ऐप पर सुरक्षा कारणों की वजह से सवाल भी खड़े हो चुके हैं। गौरतलब है कि लोगों के बीच इस ऐप ने तब सुर्खियां बटोरी जब कहा गया कि इस ऐप की मदद से खतरनाक कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोका जाएगा। कई जगहों पर इस ऐप को अनिवार्य कर दिया गया था। इस ऐप को नीति आयोग और कुछ टीम के सहयोग से बनाकर तैयार किया गया था।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने बुधवार को ट्वीट के जरिए ऐलान किया कि Aarogya Setu ऐप ने 10 करोड़ रजिस्टर्ड यूज़र्स के आंकड़े को पार कर लिया है। इसके इन-ऐप बैनर पर भी 10 करोड़ लोग पार हो चुके हैं, जिसमें घोषणा की गई की 10.02 करोड़ भारतीय आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपको बता दें, पिछले महीने लॉन्च के तीन दिन में ही इस ऐप को 50 लाख लोगों ने अपने स्मार्टफोन में
इंस्टॉल किया था और बीते हफ्ते के ही यह आकंड़ा 9.8 करोड़ के पार हो गया था।
रजिस्टर्ड यूज़र्स की सफलता के अलावा, आरोग्य सेतु ऐप भारत में Apple के ऐप स्टोर और Google के प्ले स्टोर के टॉप तीन ऐप्स में अपनी जगह भी बना चुका है। केवल स्मार्टफोन के लिए ही नहीं बल्कि आरोग्य सेतु ऐप की टीम ने इस ऐप का विस्तार जियो फोन और लैंडलाइन व फीचर फोन उपभोक्ताओं के लिए भी उपलब्ध कराया है। हाल ही में Aarogya Setu Interactive Voice Response System (IVRS) के अंतर्गत एक टोल-फ्री सर्विस शुरू की गई है, जिसमें फीचर फोन और लैंडलाइन नागरिकों के लिए '1921' टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। इस नंबर पर मिस्ड कॉल करने के बाद उन्हें वापस कॉल आएगा, इस कॉल में आपके स्वास्थ्य से जु़ड़े इनपुट्स लिए जाएंगे।
Mandatory use — the key behind its success?
लॉन्च के डेढ़ महीने बाद 10 करोड़ का आकंड़ा पार होना आरोग्य सेतु ऐप के लिए यकीनन एक बड़ी सफलता है, इसी के साथ यह ऐप दुनियाभर की तेज़ी से उभरने वाली ऐप्स में से एक बन गई है। हालांकि, आरोग्य सेतु ऐप के लिए सफलता पाना उतना मुश्किल नहीं था, जितना दूसरी कर्मशल ऐप के लिए होता है। वजह है खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने संबोधन में इसका प्रचार करना।
इसके अलावा, सरकार ने सभी सरकारी व प्राइवेट कर्मचारियों के लिए इस ऐप को उनके स्मार्टफोन में इंस्टॉल करना अनिवार्य कर दिया है। गृह मंत्रालय के द्वारा हाल ही में जारी किए दिशानिर्देशों के अनुसार सभी कर्मचारियों के स्मार्टफोन में यह ऐप इंस्टॉल हो, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ऑर्गेनाइज़ेशन के प्रमुख की ही होगी।
ठीक इसी तरह, लॉकडाउन के दौरान ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य कर दिया गया है, जो भी यात्रा कर रहा है उनके फोन में यह ऐप जरूर होनी चाहिए। इसके साथ ही फूड डिलिवरी वर्कर व अन्य सामान की डिलीवरी करने वाले लोगों को भी अपने फोन में इसे डाउनलोड करना होगा। इन सभी अनिवार्यताओं के कारण ही आरोग्य सेतु ऐप इतने कम समय में इतना सफल ऐप बनकर उभरा है।
हालांकि लॉन्च के बाद से ही कुछ ग्रुप्स ने इस ऐप को यूज़र्स की प्राइवेसी के लिए खतरा बताया और इसकी आलोचना की। इतना ही नहीं, फ्रांस के एक सिक्योरिटी रिसर्चर Robert Baptiste ने दावा किया कि Aarogya Setu ऐप में एक "सिक्योरिटी लूपहोल" यानी एक ऐसी समस्या शामिल है, जिसने करोड़ों भारतीयों की प्राइवेसी को दांव पर लगा दिया है। हालांकि, बाद में केंद्रीय आईटी मंत्री ने "प्राइवेसी सुरक्षा और डेटा की सुरक्षा के मामले में आरोग्य सेतु को बिल्कुल मजबूत ऐप बताते हुए इन सभी दावों का खंडन कर दिया था।