Aarogya Setu app कुछ दिन पहले भारत सरकार द्वारा एंड्रॉयड और आईओएस यूज़र्स के लिए लॉन्च किया है। यह COVID-19 यानी कोरोना वायरस ट्रैकिंग ऐप है, जो ब्लूटूथ और लोकेशन के जरिए उन लोगों को ट्रैक करता है जिनका कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव निकला है। अभी ऐप को लॉन्च हुए महज तीन ही दिन हुए हैं, लेकिन तीन दिन में यह ऐप गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर दोनों पर भारत का टॉप फ्री ऐप बन गया है। गूगल प्ले स्टोर पर 5 मिलियन लोगों ने इस ऐप को अपने डिवाइस पर इंस्टॉल किया है। जो लोग इस ऐप के बारे में नहीं जानते उन्हें बता दें कि यह ऐप यूज़र्स को यह जानने में मदद करता है कि उसे कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा है या नहीं। क्या वह जाने-अनजाने में किसी कोरोना वायरस संक्रमित इंसान के संपर्क में आकर संक्रमित हुआ है या नहीं।
इस खबर को लिखते वक्त गूगल प्ले स्टोर पर Aarogya Setu app को 5 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका था। नीति आयोग में Frontier Technologies के प्रोग्राम डायरेक्टर अर्नब कुमार ने भी
ट्वीट करते हुए बताया कि आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च के तीन दिनों में ही 8 मिलियन इंस्टॉल के करीब पहुंचने में कामयाब रहा। हालांकि ऐप्स स्टोर पर इस ऐप के डाउनलोड की संख्या का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन हेल्थ और फिटनेस के सेक्शन में यह अरोग्य सेतु ऐप टॉप पर जरूर दिखेगी।
आरोग्य सेतु ऐप को कोरोना वायरस संबंधित सभी जानकारियों का अधिकारिक स्त्रोत समझा जा सकता है, जिसके जरिए कोविड-19 के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है। इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार अलग-अलग माध्यमों का इस्तेमाल कर रही है, जिसमें विद्यालय भी शामिल है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सभी स्कूलों और संस्थानों के छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों, कर्मचारियों और अन्य परिवार के सदस्यों से ऐप को इंस्टॉल कर इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।
आरोग्य सेतु ऐप कोरोना वायरस से संबंधित खतरों को जानने और उसका सामना करने में मदद करती है। यह सभी जानकारियां सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गईं है। इसके अलावा, आपको इस ऐप में अंग्रेजी, हिंदी के अलावा कई क्षेत्रिय भाषा जैसे गुजराती, मराठी आदि की भी सपोर्ट मिलेगा। जो लोग ऐप के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में मांगे गए ब्लूटूथ और लोकेशन ट्रैक एक्सेस की वजह से प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर परेशान थे, उनके लिए सरकार का दावा किया है कि ऐप में स्टोर डेटा 'इनक्रिप्टेड' है और यह किसी थर्ड पार्टी ऐप के साथ साझा नहीं किया जाएगा। सरकार का कहना है कि यह डेटा केवल भारत सरकार के साथ ही साझा किया जाएगा।