ChatGPT की तरह बोलने लगे हैं इंसान, स्टडी में हुआ खुलासा

AI ने आने के मानव के जीवन में बहुत बदलाव किया है वह उसके द्वारा दिखाए जाने वाले शब्दों का अधिक उपयोग कर रहा है।

विज्ञापन
Written by साजन चौहान, अपडेटेड: 18 जुलाई 2025 07:49 IST
ख़ास बातें
  • AI ने आने के मानव के जीवन में बहुत बदलाव किया है।
  • ChatGPT जैसे AI चैटबॉट्स ने मानवों के संवाद के तरीके में बदलाव किया है।
  • मानवों ने ChatGPT की तरह ज्यादा बात करना शुरू कर दिया है।

ChatGPT के उपयोग से कुछ शब्द लोकप्रिय हुए हैं।

Photo Credit: Unsplash/ julien Tromeur

AI ने आने के मानव के जीवन में बहुत बदलाव किया है और इससे बचा नहीं जा सकता है। अब एक नई स्टडी में दावा हुआ है कि ChatGPT जैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) चैटबॉट्स के आने से मानवों के एक-दूसरे के साथ बात करने के तरीके में बदलाव हुआ है। जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट के रिसर्चर ने देखा कि मानवों ने ChatGPT की तरह ज्यादा बात करना शुरू कर दिया है, जबकि इसका उलट होना चाहिए था। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

रिसर्चर ने कुछ GPT शब्दों की फ्रीक्वेंसी का पता लगाने के लिए ChatGPT के रिलीज होने से पहले और बाद के 3,60,000 से ज्यादा यूट्यूब वीडियो और 7,71,000 पॉडकास्ट एपिसोड को देखा और विश्लेषण किया। नतीजों से सामने आया कि जब से चैटजीपीटी लोकप्रिय हुआ है, लोग कुछ शब्दों का उपयोग ज्यादा बार कर रहे हैं जो कि AI द्वारा तैयार टेक्स्ट में आमतौर पर नजर आते हैं। प्रीप्रिंट सर्वर arXiv में पब्लिश इस स्टडी में पता चला है कि ChatGPT के आने के बाद मानवों ने ChatGPT द्वारा सबसे ज्यादा दिखाए जाने वाले शब्दों जैसे कि डेल्व, कॉम्प्रिहेंसिव, बोस्ट, स्विफ्ट और मेटिकुलस के उपयोग में एक बड़ी वृद्धि देखी है।

इससे पता चलता है कि मशीनें आमतौर पर मानवीय डाटा से सीखती हैं और बाद में अपने खासियतों के साथ उन्हें प्रदान करती हैं। ये मानव संस्कृति को एक प्रकार से अलग रूप से दे सकती हैं। यह एक नई शुरुआत का प्रतीक है जिसमें जानकारी मनुष्यों और मशीनों के बीच बायडायरेक्शनल तरीके से प्रसारित होती हैं। हालांकि, पहले आई स्टडी से पता चला था कि AI टेक्नोलॉजी मानवों द्वारा लिख कर किए जाने वाले संचार को प्रभावित कर रही थी। मगर यह पहली बार है कि रिसर्च ने मौखिक संचार पर होने पर प्रभाव को भी बताया है।

ChatGPT या अन्य कोई भी AI मॉडल वेबसाइट, पुस्तकों, फोरम, विकिपीडिया और अन्य सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध रिसोर्स का उपयोग करके बड़े स्तर पर डाटा से सीखता है। फिर इसे नए तरीके से रिफाइन किया जाता है ताकि सीखने में काम आ सके। फिर आखिर में परिणाम कुछ ऐसे होते हैं जो कि भाषागत स्तर के साथ मानव जीवन में उपयोग होने वाले होते हैं, जो आम इंसान के संचार से काफी अलग होते हैं।

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

साजन चौहान Gadgets 360 में सीनियर सब ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. iQOO Z10R में मिलेगा 50 मेगापिक्सल Sony IMX882 प्राइमरी कैमरा, भारत में अगले सप्ताह लॉन्च
  2. Vivo का V60 जल्द हो सकता है भारत में लॉन्च, OriginOS के साथ होगा पहला इंटरनेशनल हैंडसेट!
#ताज़ा ख़बरें
  1. iQOO Z10R में मिलेगा 50 मेगापिक्सल Sony IMX882 प्राइमरी कैमरा, भारत में अगले सप्ताह लॉन्च
  2. Lyne Originals ने लॉन्च किए Coolpods 11 TWS और स्मार्ट सेल्फी स्टिक्स 
  3. 65, 75 इंच वाले Mini LED TV भारतीय मार्केट में लॉन्च, जानें कीमत
  4. Tecno ने 3 बार फोल्ड होने वाला मोबाइल कॉन्सेप्ट किया पेश, जानें सबकुछ
  5. Nothing Phone 3 vs OnePlus 13 vs Samsung Galaxy S25 5G: कंपेरिजन देख जानें कौन है बेस्ट
  6. 47 हजार रुपये सस्ता हुआ 50MP कैमरा, 4900mAh कैमरा वाला ये स्मार्टफोन, अब तक का सबसे तगड़ा ऑफर
  7. ChatGPT की तरह बोलने लगे हैं इंसान, स्टडी में हुआ खुलासा
  8. Apple के iPhone 17 Pro, iPhone 17 Pro Max में टाइटेनियम के बजाय हो सकता है एल्युमीनियम फ्रेम
  9. Samsung के ट्रिपल फोल्ड स्मार्टफोन में 9.96 इंच डिस्प्ले के साथ मिल सकती है सिलिकॉन कार्बन बैटरी
  10. Top Smartphones Under Rs 25,000: OnePlus Nord CE 5 से लेकर iQOO Z10 5G तक, ये हैं टॉप स्मार्टफोन!
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.