AI बना साइबर क्राइम का नया तरीका, भारत को 2024 में हुआ 23 हजार करोड़ रुपये का नुकसान

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट (AI) टूल साइबर क्राइम का नया तरीका बन गए हैं।

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Written by साजन चौहान, अपडेटेड: 26 जून 2025 09:54 IST
ख़ास बातें
  • आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट (AI) टूल साइबर क्राइम का नया तरीका बन गए हैं।
  • भारत में 10 में से 8 साइबर फ्रॉड के मामलों में एआई का उपयोग हुआ है।
  • भारत में ही डिजिटल फ्रॉड के चलते 2.78 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।

साइबर क्राइम में AI का उपयोग बढ़ रहा है।

Photo Credit: Unsplash/@Growtika

भारत अपने डिजिटल युग में आगे बढ़ता जा रहा है, लेकिन साइबर क्रिमिनल भी उसी तेजी के साथ अपग्रेड हो रहे हैं। अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट (AI) टूल साइबर क्राइम का नया तरीका बन गए हैं। भारत में 10 में से 8 साइबर फ्रॉड के मामलों में एआई का उपयोग हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ भारत में ही डिजिटल फ्रॉड के चलते 2.78 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

GIREM (ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर रिस्ट्रक्चरिंग एनवायरनमेंट एंड मैनेजमेंट) और ऑटोमोटिव टेक कंपनी Tekion की ज्वाइंट रिपोर्ट 'द स्टेट ऑफ एआई-पावर्ड साइबरक्राइम: थ्रेट एंड मिटिगेशन रिपोर्ट 2025 (The State of AI-Powered Cybercrime: Threat & Mitigation Report 2025) में साइबर क्राइम के बारे में कई खुलासे हुए। कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक (DG&IGP) एम ए सलीम ने बुधवार को बेंगलुरु में इस रिपोर्ट को पेश किया।

रिपोर्ट में बताया गया है कि साइबर क्रिमिनल होटल चेन और रेस्टोरेंट को सटीक तरीके से तैयार किए गए फिशिंग ईमेल भेजने के लिए एआई टूल का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें अक्सर एआई जनरेटेड टेम्प्लेट का इस्तेमाल करके बड़े ब्रांड्स जैसा रूप धारण किया जाता है। ईमेल टेक्स्ट के अलावा एआई का उपयोग असली जैसे दिखने वाले डैशबोर्ड बनाने, फेक डोमेन को रजिस्टर्ड करने और इंटरैक्टिव फिशिंग पेज बनाने के लिए किया जाता है, जिससे लोगों को असली जैसा लगने का धोखा होता है। देश में 80 प्रतिशत फिशिंग मेल में एआई टूल का उपयोग हुआ था, जिससे पता चलता है कि हर 10 फिशिंग मामलों में से 8 में AI का उपयोग किया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले साल साइबर क्राइम की 1.91 मिलियन से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 1.55 मिलियन से अधिक था। वहीं यह 2019 में हुए क्राइम से 10 गुना ज्यादा है। इसमें सबसे अधिक फाइेंशियल फ्रॉड हुआ। बीते साल में भारतीयों को साइबर क्राइम के चलते 2.78 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जो कि 2023 के मुकाबले में करीब 3 गुना और 2022 के मुकाबले में करीबन 10 गुना ज्यादा है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2024 में क्रिप्टो अटैक के मामले में भारत दुनिया भर में अमेरिका के बाद दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित देश है, जहां 95 मामले सामने आए। देश में मैलवेयर में 11%, रैनसमवेयर में 22% और IoT अटैक में 59% के हिसाब से सालाना वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं क्रिप्टो अटैक में कुल मिलाकर 409% की वृद्धि हुई है। सबसे जरूरी बात यह है कि इन साइबर अटैक का सबसे अधिक शिकार समाज के कमजोर वर्गों जैसे वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और महिलाओं को बनाया जाता है। आज के समय में साइबर क्राइम से निपटना देश के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है, क्योंकि भारत में 2025 तक 900 मिलियन से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स होने का अनुमान है।
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