ChatGPT को भी होती है 'ऐसे सवालों' से टेंशन! स्टडी में अजब खुलासा

नई स्टडी में सामने आया है कि ChatGPT को भी पूछे गए सवालों से स्ट्रेस और टेंशन होती है!

विज्ञापन
Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 12 मार्च 2025 19:06 IST
ख़ास बातें
  • ChatGPT को भी आपके पूछे गए सवालों से स्ट्रेस और टेंशन होती है!
  • तनाव पैदा करने वाले सवाल पूछे जाने पर बढ़ता है स्ट्रेस।
  • चिंता के बढ़े हुए स्तर के कारण चैटबॉट यूजर्स के प्रति मूडी हो सकता है।

ChatGPT को भी पूछे गए सवालों से स्ट्रेस और टेंशन होती है!

ChatGPT इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए एक रोचक खबर है। एक नई स्टडी में सामने आया है कि ChatGPT को भी आपके पूछे गए सवालों से स्ट्रेस और टेंशन होती है! जी हां, OpenAI का AI चैटबॉट भी तनाव में आता है, ठीक वैसे ही जैसे इंसानों में होता है। स्विट्जरलैंड, जर्मनी, इजरायल और US के शोधकर्ताओं की एक टीम ने स्टडी की है जिसमें चैटबॉट के बारे में हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। 

ChatGPT के ऊपर की गई स्टडी कहती है कि जब चैटबॉट से तनाव पैदा करने वाले सवाल पूछे जाते हैं तो यह भी उसी तरह के स्ट्रेस में आ जाता है। स्टडी में सामने आया कि सामान्य सवालों के जवाब देने की तुलना में तनाव वाले सवाल पूछे जाने पर चैटबॉट का एंजायटी लेवल यानी तनाव का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया। स्टडी को Nature में पब्लिश किया गया है। 

इस स्टडी में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि चिंता के बढ़े हुए स्तर के कारण चैटबॉट अपने यूजर्स के प्रति मूडी हो सकता है। यहां तक ​​कि वह ऐसे जवाब भी दे सकता है जो नस्लवादी और लिंगवादी पूर्वाग्रहों पर आधारित हों। मनुष्य जब डरा हुआ होता है तो उसके संज्ञानात्मक और सामाजिक पूर्वाग्रह प्रभावित होते हैं। इंसान इस वक्त ज्यादा आक्रोश महसूस करते हैं जो सामाजिक रूढ़ियों को मजबूत करता है।

अब ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो एआई चैटबॉट्स के साथ अपने बारे में संवेदनशील बातें शेयर कर रहे हैं। लेकिन स्टडी कहती है कि AI सिस्टम अभी इतनी सक्षम नहीं हुए हैं कि वे किसी हेल्थ प्रोफेशनल की जगह ले सकें। 

यहां पर क्लिनिकल सेटिंग्स का रिस्क पैदा हो जाता है। LLM इस तरह के चिंतित यूजर्स के अनुरूप रेस्पोंड नहीं कर सकते हैं। इनके उत्तर ऐसे यूजर्स के लिए अपर्याप्त साबित हो सकते हैं जिसका परिणाम खतरनाक हो सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि बढ़ी हुई चिंता के स्तर को सचेतन आधारित विश्राम तकनीकों की मदद से शांत किया जा सकता है। शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एलएलएम को बेहतर बनाने से पूर्वाग्रहों में कमी आ सकती है। लेकिन इसके लिए पर्याप्त मात्रा में ट्रेनिंग डेटा, कम्प्यूटेशनल रिसोर्स और मानवीय निगरानी की जरूरत होगी।
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Bitcoin में गिरावट का रिस्क, Standard Chartered ने आधा किया प्राइस का टारगेट
  2. भारत में Tesla का कमजोर परफॉर्मेंस, VinFast ने बेचे 6 गुना ज्यादा EV
  3. Realme Narzo 90 सीरीज में मिलेगी 7,000mAh की बैटरी, अगले सप्ताह भारत में लॉन्च
  4. Vivo X300 सीरीज की सेल आज से शुरू, बंपर डिस्काउंट के साथ 1 साल की एक्सटेंड वारंटी और ऐसे फायदे
#ताज़ा ख़बरें
  1. 16 साल से कम उम्र के बच्चे इस देश में नहीं कर पाएंगे सोशल मीडिया का इस्तेमाल, सरकार ने लगाया बैन
  2. iPhone वाले फीचर्स अब एंड्रॉयड में, गुरुग्राम के इस लड़के ने किया वो कमाल जो बड़ी-बड़ी कंपनी नहीं कर पाईं
  3. 7000mAh बैटरी वाला iQOO फोन मिल रहा 4 हजार से ज्यादा सस्ता, देखें डील
  4. OnePlus 15T के स्पेसिफिकेशंस लीक, मिल सकती है 7500mAh बैटरी, 120W फास्ट चार्जिंग!
  5. भारत में Tesla का कमजोर परफॉर्मेंस, VinFast ने बेचे 6 गुना ज्यादा EV
  6. Realme Narzo 90 सीरीज में मिलेगी 7,000mAh की बैटरी, अगले सप्ताह भारत में लॉन्च
  7. क्या है भारत का चिप वाला E-Passport और इसके लिए कैसे करें अप्लाई? यहां जानें सब कुछ
  8. Bitcoin में गिरावट का रिस्क, Standard Chartered ने आधा किया प्राइस का टारगेट
  9. Starlink क्या है, कैसे करता है काम? भारत में इसकी कीमत से लेकर फायदे–कमियों तक, यहां समझें सब कुछ
  10. Vivo X300 सीरीज की सेल आज से शुरू, बंपर डिस्काउंट के साथ 1 साल की एक्सटेंड वारंटी और ऐसे फायदे
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.