दिल्ली में सर्दी का मौसम आने के साथ प्रदूषण बढ़ने की चिंता भी बढ़ जाती है। स्मॉग के बढ़ने और पॉल्यूशन की रोक-थाम के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल कई नए नियमों को लागू करते हैं। अब, गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एक नया तरीका निकाला गया है। दिल्ली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरा लगाए जा रहे हैं, जो यह जांचेंगे कि किस गाड़ी के नाम वैध पॉल्यूशन सर्टिफिकेट है और किसके पास नहीं। AI पावर्ड ये स्पेशल कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को कैप्चर करते हैं और इसे अपने डेटाबेस के साथ क्रॉस-चेक करते हैं। यदि वैध PUC के बिना कोई वाहन इन कैमरों द्वारा कैद किया जाता है, तो मालिक को दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा SMS के जरिए एक नोटिस जारी किया जाएगा।
दिल्ली सरकार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पिछले दो महीनों से दिल्ली के चार लोकेशन AI-पावर्ड कैमरों को टेस्ट कर रही है, जिनमें मॉडल टाउन, शास्त्री नगर, माल रोड और शाहदरा शामिल हैं। इन इलाकों में कुल चार पेट्रोल पंपों पर इन खास कैमरों को फिट किया गया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने TOI को
बताया है कि इन कैमरों से पता चलता है कि पंपों में आने वाले 15-20 प्रतिशत वाहनों के पास वैध पीयूसी नहीं था।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि विभाग ने अब उस पीयूसी ट्रैकिंग कैमरा प्रोजेक्ट को राजधानी शहर के 25 पेट्रोल पंपों तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है।
वर्तमान में, विभाग केवल SMS के जरिए उल्लंघनकर्ताओं को नोटिस भेज रहा है। वहीं, ई-चालान बनाने और उन्हें सीधे उन मालिकों को भेजने का काम भी चल रहा है।
अगर आप दिल्ली में रहते हैं और अपने वाहन के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट को बनवाना चाहते हैं, तो आप राज्य के 950 फ्यूल पंप में ऐसा कर सकते हैं। इसके लइए आपको केवल अपना मोबाइल नंबर PUC सेंटर में बताना होता है और अपने वाहन की जांच करानी होती है। इस चंद सेकंड के टेस्ट में यदि आपका वाहन पास होता है, तो आपको सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
वर्तमान में PUC की कीमत दोपहिया वाहनों के लिए 60 रुपये और पेट्रोल चार पहिया वाहनों के लिए 80 रुपये है। वहीं, डीजल चार पहिया वाहनों के लिए कीमत 100 रुपये है। इसमें 18 प्रतिशत जीएसटी शामिल नहीं है।