• होम
  • वियरेबल
  • ख़बरें
  • स्मार्टवॉच से 7 साल पहले ही इस बीमारी के लक्षणों को चल जाएगा पता! जानें लेटेस्ट स्टडी

स्मार्टवॉच से 7 साल पहले ही इस बीमारी के लक्षणों को चल जाएगा पता! जानें लेटेस्ट स्टडी

पार्किंसंस रोग के अधिकांश रोगियों का मस्तिष्क इलाज के समय तक पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुका होता है।

स्मार्टवॉच से 7 साल पहले ही इस बीमारी के लक्षणों को चल जाएगा पता! जानें लेटेस्ट स्टडी

स्मार्टवॉच या एक्टिविटी ट्रैकर से इस बिमारी को कई साल पहले पता लगाने में मदद मिल सकती है

ख़ास बातें
  • स्टडी में भाग लेने वाले लोगों की एक्टिविटी को ट्रैक किया गया
  • कंपकंपी, लचीलेपन का कम होना और धीमी गति से चलना इस स्थिति का अहम लक्षण है
  • स्टडी को आगे जाकर एक स्क्रीनिंग टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है
विज्ञापन
पार्किंसंस रोग एक पुरानी और प्रगतिशील न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जो मस्तिष्क के एक हिस्से में न्यूरॉन्स के एक छोटे समूह को प्रभावित करती है। यूं तो ये बीमारी मांसपेशियों के कंट्रोल और बैलेंस को मुख्य रूप से प्रभावित करती है, लेकिन इसे सोचने की क्षमता, मानसिक स्वास्थ्य और जीवन के अन्य कई पहलुओं को भी प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। अब, एक स्टडी में दावा किया गया है कि स्मार्टवॉच पार्किंसंस रोग के लक्षणों को दिखने से सात साल पहले ही पहचान सकती है। 

कार्डिफ यूनिवर्सिटी में यूके डिमेंशिया रिसर्च इंस्टीट्यूट टीम द्वारा की गई इस स्टडी में देखा गया है कि स्मार्टवॉच पार्किंसंस रोग को बहुत पहले ही पहचान सकती है। इस स्टडी को स्मार्टवॉच पहनने वाले 103,000 से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण करके तैयार किया गया है। Nature Medicine जर्नल में प्रकाशित स्टडी कहती है कि रिसर्चर्स ने 2013 और 2016 के बीच एक हफ्ते में स्टडी में भाग लेने वाले लोगों के प्रवृत्ति को ट्रैक किया। इससे उन्हें यह फैसला लेने में मदद मिली कि पार्किंसंस विकसित होने का खतरा किसे होगा।

स्टडी आगे कहती है कि कंपकंपी और लचीलेपन के कम होने के साथ-साथ धीमी गति से चलना इस स्थिति का एक अहम लक्षण है। रिसर्च टीम को उम्मीद है कि उनकी स्टडी को आगे जाकर एक स्क्रीनिंग टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि यह जांचने के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है कि यह परिणाम कितना सटीक होगा।

पार्किंसंस रोग के अधिकांश रोगियों का मस्तिष्क इलाज के समय तक पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुका होता है। स्टडी टीम को लीड करने वाले डॉ. सिंथिया सैंडोर ने Sky News को बताया, "हालांकि इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने से पहले, बहुत अधिक काम करने की आवश्यकता होगी, हमारी खोज पार्किंसंस रोग के शुरुआती निदान में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाती है और सुझाव देती है कि एक्टिविटी ट्रैकर और स्मार्टवॉच जैसे डिवाइस क्लिनिकल प्रैक्टिस ​​​​में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।"

इतना ही नहीं, रिसर्चर्स का यह भी मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को उन लोगों की पहचान करने के लिए जोड़ा जा सकता है, जिन्हें जीवन में बाद में पार्किंसंस रोग विकसित होगा और इस तरह समय की भविष्यवाणी भी की जा सकेगी।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  2. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  3. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  4. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  5. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
  6. Elon Musk की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत की हरी झंडी!
  7. Fairphone 6 का डिजाइन और प्राइस लीक, मॉड्यूलर स्मार्टफोन जल्द हो सकता है लॉन्च
  8. बिलिनेयर Elon Musk को भारी पड़ी ट्रंप की नाराजगी, Tesla की वैल्यू में भारी गिरावट
  9. इन फोन में नहीं चलेगा Youtube App, आपका फोन भी तो नहीं है लिस्ट में
  10. ट्रंप और मस्क के विवाद का क्रिप्टो मार्केट पर बड़ा असर, Bitcoin 1,04,000 डॉलर से नीचे
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »