पिछले हफ्ते अपने लॉन्च के समय जियो फोन देश में सबसे ज़्यादा सुर्खियों में छाया रहा। इसके फ़ीचर और जीरो रुपये कीमत ने ना केवल फोन निर्माताओं की चिंता बढ़ा दी है, बल्कि टेलीकॉम ऑपरेटर भी अब इस बात पर आंख लगाए बैठे हैं कि किस तरह जियो और इसके मुफ्त मिलने वाले प्रोडक्ट इंडस्ट्री को प्रभावित करते हैं। जियो फोन के साथ, मुकेश अंबानी की कंपनी जियो की नज़र उन यूज़र पर है, जो अभी तक पिछले साल शुरू हुई जियो की 4जी क्रांति का हिस्सा नहीं बने हैं। अब प्रतिद्वंदी कंपनी एयरटेल के पास इस हैंडसेट का मुकाबला करने की योजना है और कंपनी को इसके जरिए बाज़ार पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
4जी फ़ीचर के साथ एयरटेल के बंडल ऑफर की योजनानिवेशकों की बैठक में 2016 की तीसरी तिमाही के नतीजे घोषित करने के बाद, एयरटेल के एमडी और सीईओ गोपाल वित्तल ने कहा कि देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर को फोन बनाने और इसकी इनवेंटरी बनाने में कोई रुचि नहीं है। इसकी जगह, कंपनी 4जी फ़ीचर फोन बनाने वाली कंपनियों के साथ साझेदारी करेगी और डिवाइस के लिए बंडल प्लान ऑफर करेगी। एयरटेल ने मार्च 2018 से अपनी
4जी वीओएलीई सेवा लॉन्च करने की योजना का भी ऐलान किया। अभी भारत में सिर्फ रिलायंस जियो ही 4जी वीओएलटीई नेटवर्क उपलब्ध कराती है। एयरटेल ने अभी पहले ही चुनिंदा स्मार्फोन के लिए बंडल ऑफर दिए हैं। और नई नीति मौज़ूदा का विस्तार ही है।
लावा अभी इकलौती स्मार्टफोन कंपनी है जिसके पास बाज़ार में
4जी फ़ीचर फोन है (
जियो फोन 15 अगस्त से बीटा टेस्टर के लिए उपलब्ध होगा)। लेकिन माइक्रोमैक्स, इंटेक्स और कार्बन भी जल्द ही इस लिस्ट में शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा कई दूसरे छोटे ब्रांड भी हैं जो इस तरह के हैंडसेट बनाने की शुरुआत कर सकती हैं।
जियो फोनजियो को उम्मीद है कि कंपनी एक साल के अंदर 10 करोड़ जियो फोन यूनिट बेच लेगी। लेकिन ये डिवाइस
सिर्फ कंपनी के नेटेवर्क पर ही चलेंगे। जियो फोन के साथ कंपनी के बंडर ऑफर के अलावा इस फोन में पहले से कंपनी के ऐप भी इंस्टॉल आते हैं। हालांकि, अभी बाज़ार में मौज़ूद अधिकतर फ़ीचर फोन डुअल सिम हैं लेकिन 4जी फ़ीचर फोन में एक सिम स्लॉट के लिए ही सपोर्ट मिलने की उम्मीद है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले सभी फ़ीचर फोन 4जी वीओएलटीई नेटवर्क पर चलेंगे जैसे कि जियो।