दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राई) से उसके कॉल ड्रॉप संबंधी आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब तलब किया। ट्राई ने आदेश जारी कर मोबाइल सेवाएं देने वाली दूरसंचार कंपनियों को एक जनवरी से कॉल ड्रॉप होने पर उपभोक्ताओं की अनिवार्यत: क्षतिपूर्ति करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने दूरसंचार परिचालकों की याचिका ट्राई खिलाफ को नोटिस जारी किया है। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की ओर से दर्ज याचिका में ट्राई के आदेश को आदेश को ‘‘विरोधाभासी और घातक’’ कहा है।
पीठ ने कहा है, ‘‘चूंकि इसे पहली जनवरी,2016 से लागू किया जाना है इसलिए हम सरकार का पक्ष सुनेंगे और आदेश पारित करेंगे।’’ याचिका में कंपनियों ने ट्राई के 16 अक्तूबर के उक्त आदेश को रद्द किये जाने की मांग की है।
नियामक ने कंपनियों को अपने नेटवर्क के उपभोक्ताओं को प्रति कॉल ड्रॉप एक रुपये की क्षतिपूर्ति करने का निर्देश दिया है। एक दिन में अधिकतम तीन कॉल के लिए क्षतिपूर्ति की जाएगी।
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